जनमानस में आध्यात्मिक जागरूकता लाने और साधकों को धर्ममय जीवन की ओर प्रेरितकरने के उद्देश्य से, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने 17 से 23 नवंबर 2024 तक जालंधर, पंजाब में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया। यहआयोजन हजारों भक्तों की भक्ति और भावना के अविरल प्रवाह का साक्षी बना जिसमें उन्होंने स्वयं को भगवान श्री कृष्ण की शाश्वत शिक्षाओं में विगलित होता पाया। गुरुदेव श्रीआशुतोष महाराज जी की विद्वत शिष्या और कथा व्यास साध्वी वैष्णवी भारती जी ने‘श्रीमद्भागवत महापुराण’ ग्रंथ में निहित गूढ़ ज्ञान को जीवंत करते हुए भगवान श्रीकृष्ण कोसंस्कार पोषक, आध्यात्मिक ज्ञान के दाता, धर्म-रक्षक और निस्वार्थ प्रेम के प्रतीक के रूपमें प्रस्तुत किया।

साध्वी जी ने कथा का आरंभ अति प्रेरणादायक और विलक्षण दृष्टिकोण के साथ करते हुएभगवान श्रीकृष्ण को मानव जीवन के उद्देश्य और उसको पूरा करने के मार्ग को समझाने केआदर्श के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवान के बाल्यकाल की दिव्य लीलाओं से लेकरमहाभारत के दौरान अर्जुन को दिए गए उपदेशों तक, उनके प्रत्येक कार्य से विश्वास, निस्वार्थ कर्तव्य (धर्म), अन्याय के प्रति प्रतिरोध, वैराग्य, ईश्वर के प्रति समर्पण औरब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्मज्ञान की खोज जैसे शाश्वत और गूढ़ पक्षों की बड़ी रोचक शैली में व्याख्या की|
साध्वी जी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हम में से कई लोग अपनी मान्यताओं के अनुसारही पूजा और भक्ति के विभिन्न तरीकों से ईश्वर के प्रति अपना प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करते हैंलेकिन यह आवश्यक है कि हम सच्ची भक्ति और धर्म का वह मार्ग प्राप्त करें, जो वास्तवमें भगवान को प्रसन्न करता है। केवल व्यक्तिगत मान्यताओं या बाहरी अनुभवों पर भरोसाकरना, कई बार हमें पक्षपाती बना सकता है।

साध्वी जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों, विदुर, पांडवों, द्रौपदी, उद्धव औरअन्य भक्तों को जो शाश्वत मार्ग दिखाया, वही परिवर्तनकारी शक्ति ‘ब्रह्मज्ञान’ है। यहदिव्य ज्ञान लौकिक संसार की सीमाओं से परे जाकर उच्चतर चेतना के द्वार खोलता है।यही वह आंतरिक यात्रा का ज्ञान है जो एक साधक के विचारों और कार्यों को दिव्य बना उसे सनातन धर्म और भक्ति के मार्ग पर दृढ करता है। साध्वी जी ने विस्तार से बताया किइस तरह का दिव्य ज्ञान साधकों को समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु के माध्यम से ही उपलब्ध होता है। डीजेजेएस के सभी सामाजिक प्रकल्प ब्रह्मज्ञान के शाश्वत ज्ञान के प्रचारके व्यापक मिशन का हिस्सा हैं, जो सार्वभौमिक शांति और सद्भाव के लिए समर्पित हैं।
कथा के दौरान प्रेरणादायक दृष्टान्तों और सुमधुर भक्ति रचनाओं ने श्रोताओं को एक दिव्यवातावरण का अनुभव दिया और उन्हें व्यवहारिक आध्यात्मिकता की ओर एक कदम आगेबढ़ाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में दैनिक आरती, वैदिक मंत्रोच्चार और सेवा के विभिन्न अवसर भी शामिल थे जिससे उनमें शामिल होने वालों को एक सम्पूर्णआध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ।