गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है। वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेद मंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को स्थापित करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मन्दिर देश भर में कार्यरत है। दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा समय-समय पर अपने सेवादारों के तकनीकी विकास के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करता रहता है l इसी शृंखला में 8 मई 2022 को दिव्य ज्योति वेद मन्दिर और मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र के कार्यकर्ताओं के लिए एक तकनीकी कार्यशाला “Tech कला” का आयोजन किया गया l
सत्र की शुरुआत दिव्य ज्योति वेद मन्दिर एवं मंथन- संपूर्ण विकास केंद्र की संयोजिका साध्वी दीपा भारती जी के प्रेरणादायक विचारों से की गई जिसमे साध्वी जी ने समझाया कि किस प्रकार तकनीकी ज्ञान को अर्जित करके सेवादार सेवा को और अच्छे प्रकार से संपन्न कर सकते हैं तथा अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकते हैं l कार्यशाला को विभिन्न सत्रों में विभाजित किया गया था जिसमें सेवादारों को प्रकाश, कैमरा और ध्वनि के उपकरणों के विभिन्न भागों की अनावरण, स्थापना और आवरण करना सिखाया गया। सभी सेवादारों ने भी इस कार्यशाला में बढ़चढ़ कर भाग लिया।
पहले सत्र में, वालंटियर्स को प्रकाश से सम्बंधित कई मूल बातें जैसे वीडियो शूट के दौरान बिजली के उपकरणों को संभालना, और विभिन्न वोल्टेज के उपकरणों में बिजली की आपूर्ति आदि के विषय में बताया गया। पूरे सत्र के दौरान, वालंटियर्स ने आगे आकर सॉफ्ट बॉक्स, ऑन-कैमरा लाइट, रिंग लाइट और पोर्टा लाइट जैसी विभिन्न प्रकार के स्रोत की स्थापाना से सम्बंधित क्रियाकलाप स्वयं से किए । इसी शृंखला में, दूसरे सत्र के दौरान विभिन्न उपकरणों जैसे डिजिटल कैमरा, ट्राइपॉड, ग्रीन स्क्रीन, साउंड कार्ड आदि को खोलना, संभालना और स्थापित करना सिखाया गया।
चूंकि संस्था सदैव ही सैद्धांतिक ज्ञान से अधिक व्यावहारिक ज्ञान में विश्वास करता है एवं बढ़ावा देता है इसी कारण कार्यशाला के दौरान प्रत्येक वालंटियर्स को प्रयोग में शामिल किया, जहां सभी प्रतिभागियों ने न केवल प्रयोगों का अवलोकन किया, बल्कि शूटिंग उपकरणों की विविधता और उनकी संभाल को समझने के लिए पूरी प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल भी हुए।
कार्यशाला के अंत में सभी ने अपने कौशल के विकास हेतु इस तरह की कार्यशालाओं को नियमित रूप से आयोजित करने का अनुरोध भी किया।