दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 13 जुलाई 2022 को नूरमहल, पंजाब में उत्साह एवं श्रद्धा भाव से दिव्य श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्री गुरु पूर्णिमा शिष्यों के लिए अपने श्रद्धेय गुरुदेव का पूजन एवं उनके चरण कमलों में विनीत आभार व्यक्त करने का एक उपयुक्त समय होता है। महोत्सव का शुभारंभ गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की मंगल आरती एवं पूजन से हुआ। जिसने संपूर्ण वातावरण को दिव्य स्पंदनों से भर भक्तों के मन को शांति एवं स्थिरता प्रदान की।
पूजनीय गुरुदेव के निवास स्थान (नूरमहल आश्रम) को फूलों, रंगोली, दीयों, कलाकृतियों आदि से सुसज्जित किया गया। दिव्य और मधुर संगीत एवं प्रेरणात्मक भावों से अलंकृत भजनों ने उपस्थित सभी भक्तों के हृदय को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में श्री सोम प्रकाश जी (केन्द्रीय राज्य मंत्री), श्री विजय सांपला जी (अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग), श्री लाल चंद कटारुचक जी (कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार), श्री रवनीत बिट्टू जी (संसद सदस्य, लुधियाना), श्री ब्रह्म मोहिन्द्र जी (एक्स. कैबिनेट मिनिस्टर, पंजाब सरकार), श्री बलबीर सिद्धू जी (एक्स कैबिनेट मिनिस्टर, पंजाब सरकार), श्री हेमंत द्विवेदी जी (पूर्व राज्य मंत्री, उत्तराखंड सरकार), श्री प्रमोद कुमार जी (क्षेत्रीय समरसता, प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ), श्री रमन अरोड़ा जी (विधायक, जालंधर), श्री राज कुमार चब्बेवाल जी (विधायक), श्रीमती इंद्रजीत कौर मान जी (विधायक, नकोदर), श्री बलविंदर सिंह जी (विधायक धालीवाल, फगवाड़ा), श्री दलजीत सिंह ग्रेवाल जी (विधायक, लुधियाना पूर्व), श्री नरेश कटारिया जी (विधायक, ज़ीरा), श्री पवन टीनू जी (पूर्व विधायक, जालंधर), श्रीमती रजनी सेठी जी (सांसद भाजपा प्रवक्ता, जम्मू और कश्मीर), डॉ राज बहादुर जी (वाइस-चान्सेलर, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी), सरदार करतार सिंह जी (पहलवान, आईपीएस-पद्म श्री, अर्जुन अवार्डी), श्रीमती मालविका सूद जी (कांग्रेस लीडर, मोगा एक्टर सोनू सूद जी की बहन) जैसे कई गणमान्य अतिथि पधारे। एकता, भाईचारे और अनुशासन के अद्वितीय उदाहरण को दर्शाते इस भव्य कार्यक्रम का प्रख्यात (मीडिया) पत्रों जैसे अमर उजाला, पंजाब केसरी, अजीत समाचार, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक सवेरा, पंजाबी जागरण, पटियाला केसरी, ट्रिब्यून, उत्तम हिन्दू ने प्रशंसनीय उल्लेख किया।
साध्वी मनस्विनी भारती जी, साध्वी वैष्णवी भारती जी, स्वामी चिन्मयानंद जी, स्वामी गुरुकृपाानंद जी, स्वामी विश्वानंद जी जैसे प्रचारक शिष्यों ने गुरु कृपा और गुरु-शिष्य संबंध को उजागर करते मार्मिक प्रवचनों की श्रृंखला प्रस्तुत की। उन्होंने समझाया कि ईश्वर का मानवीय वेश में धरा पर अवतरण का एकमात्र उद्देश्य भक्तों और श्रद्धालुओं पर अपनी असीम कृपा और प्रेम बरसाना है। और वह ऐसा गुरु-शिष्य के शाश्वत संबंध को पोषित कर करते हैं। प्रेम वश शिष्यों के कई जन्मो से संचित बुरे कर्मों के प्रभाव को अपने ऊपर ले लेते हैं। उनकी प्रतिबद्धता ऐसी होती है कि वह शरण में आए हर व्यक्ति को मुक्ति के द्वार पर ले जाते हैं।
जब एक शिष्य गुरु के श्री चरणों में समर्पण और प्रेम अर्पित करना आरंभ कर देता है तब उसके जीवन का हर क्षण गुरु पूर्णिमा उत्सव में बदल जाता है। गुरु की आज्ञाओं और आदर्शों में व्यतीत जीवन, पूर्ण आनंद से भरा और सांसारिक बंधनों से मुक्त होता है।
जीवन में पूर्ण गुरु की महत्ता को समझाते हुए, प्रवक्ताओं ने गुरु गीता में भगवान शिव द्वारा रचित पंक्तियों को उद्धृत किया –
शिवपूजारतो वापि विषणउपूजारतोsथवा! गुरूतत्वविहीनश्चेतत्सर्व व्यर्थमेव हि!!
चाहे आप नियमित रूप से भगवान शिव या भगवान विष्णु की पूजा करते हों, परंतु यदि आपने पूर्ण गुरु से ब्रह्मज्ञान प्राप्त नहीं किया तो सब कुछ व्यर्थ है।
इसलिए शिष्य के लिए अति आवश्यक है कि वह गुरु द्वारा प्रदत्त इस अद्वितीय अवसर का लाभ उठाए और स्वयं को आकर्षणीय दिव्यता के स्रोत में परिवर्तित करें। निष्ठा और समर्पण से इस पथ का अनुसरण करने पर ही अध्यात्म के विस्मयजनक एवं दिव्य रहस्यों का उद्घाटन संभव हो पाता है। गुरु प्रेम एवं भक्ति भावों से सराबोर हृदयों और प्रत्येक शिष्य के साथ गुरु-शिष्य संबंध को सुदृढ़ करती गुरु की दिव्य कृपा पंडाल में स्पष्ट दृश्यमान हुई। कार्यक्रम के पश्चात भव्य एवं सात्विक भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सेवादार अपनी निर्धारित सेवाओं में निष्ठापूर्वक संलग्न दिखायी दिये। उपस्थित भक्तजनों ने पूर्ण सतगुरु के पवित्र दरबार का दर्शन और संतों की संगति कर स्वयं को धन्य और भाग्यशाली महसूस किया।