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24 अगस्त, 2022 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से मुख्यालय 245-बटालियन सीआरपीएफ, कपूरथला, पंजाब में एक ‘तनाव-प्रबंधन’ व्याख्यान आयोजित किया गया। उपस्थित सभी लोगों ने इन विचारों को अपने दैनिक जीवन में लाभकारी पाया, जिन्हें वह आसानी से अपनी ज़िंदगी में लागू कर सकते हैं। साध्वी मनेंद्रा भारती जी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि तनाव ऊर्जा के स्तर को कम कर देता है और प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए भी विफलता का कारण बनता है।

Lecture on Stress Management through Spirituality at 245 Battalion CRPF, Kapurthala, Punjab

साध्वी जी ने नकारात्मक सोच को सभी प्रकार के तनाव का मूल कारण बताया। उन्होंने समझाया कि प्रति व्यक्ति पचास प्रतिशत से अधिक नकारात्मक विचारों का कोई आधार नहीं है और तनाव से मुक्ति पाने के लिए इसे त्यागने की आवश्यकता है। जो विचार हममें आत्मसंशय, अविश्वास और दुर्भावना पैदा करते हैं, वे मजबूत योद्धाओं को भी युद्ध के मैदान में हारने के लिए मजबूर कर सकते हैं। इसलिए सेना के जवानों को कभी भी अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं आने देना चाहिए।

साध्वी जी ने इसी संदर्भ में कुरुक्षेत्र युद्ध की एक भावपूर्ण कहानी सुनाई। महान योद्धा अर्जुन जो कि उस समय के सबसे कुशल धनुर्धर थे। हालाँकि, महाभारत युद्ध के समय, उसके दिमाग में अराजकता और आत्म-वंचना की स्मृतियाँ थीं। उसने अपने युद्ध के साथी भगवान कृष्ण से कहा, कि वह अपने ही रक्त संबंधियों को मारने को तत्पर है। परन्तु अचानक उसमे मोह जागृत हो गया और उसके हाथ से गांडीव छूटने लगा। श्रीकृष्ण ने सर्वज्ञ भगवान होने के कारण अर्जुन की नकारात्मक मनःस्थिति को समझा और कहा कि नकारात्मकता ने अर्जुन के विवेक को हर लिया है। तब उन्होंने उपाय सुझाते हुए बताया कि भ्रम की इन अस्थायी भावनाओं को दूर करने के लिए अर्जुन को सकारात्मक विचारों से नकारात्मक विचारों को बदलकर उनसे छुटकारा पाना चाहिए। किन्तु जब अर्जुन श्री कृष्ण की बातों से आश्वस्त नहीं हुआ तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ब्रह्मज्ञान अर्थात् ईश्वर के प्रकाश की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाई। जिस क्षण अर्जुन ने भगवान के दिव्य प्रकाश को देखा, तो उसके सभी भ्रम दूर हो गए और उसने आत्मविश्वास से भरकर यही कहा कि अब वह धर्म की स्थापना के लिए युद्ध को तत्पर है| हालांकि उस प्रक्रिया में उसे अपने ही परिवार के सदस्यों को मारना पड़ा।

Lecture on Stress Management through Spirituality at 245 Battalion CRPF, Kapurthala, Punjab

साध्वी जी ने आगे विस्तार से बताया कि ब्रह्मज्ञान आत्मा की प्रत्यक्ष अनुभूति है जिसे केवल एक पूर्ण गुरु की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की तरह आज श्री आशुतोष महाराज जी भी अपने शिष्यों को यह दिव्य ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। इस ब्रह्मज्ञान के द्वारा ही लाखों लोग ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और नकारात्मक विचारों से मुक्त होकर तनाव मुक्त, सार्थक जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

इस दिव्य व्याख्यान को सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने खुद को बहुत ही धन्य महसूस किया। सीआरपीएफ के सभी जवान परम पूज्य श्री आशुतोष महाराज जी के प्रति कृतज्ञ थे और उन्होंने इस दिव्य ज्ञान की दीक्षा लेने की भी अपनी इच्छा ज़ाहिर की।

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