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किसी नए युग का आगमन हो अथवा राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक क्रांति हो, सुनियोजित युवाशक्ति ने ही उसको आधार दिया है। आज विश्व एक नए युग में प्रवेश कर रहा है और समय पुनः युवा चेतना में दबी क्रांति का आह्वान कर रहा है। वह दिन दूर नहीं जब आने वाले युग को "आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का युग" कहा जायेगा। 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' कंप्यूटर विज्ञान का वह उन्नत रूप है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है।

MANTHAN SVK participated in the AI for Youth Virtual Symposium organised by CBSE and INTEL

युवा-आबादी में भारत विश्व में पहले स्थान पर आता है। युवाओं की क्षमताओं को पहचान, उसके अनुसार उन्हें अवसर प्रदान कर भारत फिर से अपना उचित स्थान प्राप्त कर सकता है। इसी प्रयास में भारतीय सरकार द्वारा युवाओं के लिए “Responsible AI for Youth” नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें भारत के युवाओं को तकनीकी क्षमता के विकास के अवसर प्रदान कर उन्हें भविष्य के लिए डिजिटल रूप से तैयार किया जा रहा है। स्कूलों के छात्रों को भी इस अवसर का लाभ मिले, इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंटेल के सहयोग से भारतीय शिक्षा मंत्रालय ने 13 अक्टूबर 2020 से 17 अक्टूबर 2020 तक एक ऑनलाइन “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर यूथ वर्चुअल सिंपोज़ियम” नामक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें देश भर के विद्यालयों के कक्षा आठ और उससे ऊपर के छात्र, शिक्षक और प्रधानाचार्य सम्मिलित हुए। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम ने 24 घंटे के भीतर 13 हज़ार छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रशिक्षण देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है, जो देश के अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर उन्हें "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण हेतु तैयार कर रहा है, मंथन प्रकल्प से जुड़े विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सहयोगियों ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया।

MANTHAN SVK participated in the AI for Youth Virtual Symposium organised by CBSE and INTEL

कार्यक्रम में विश्व के कोनों-कोनों से सम्मिलित हुए विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और मानव सशक्तीकरण से संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने भावी समय में एआई (AI) का विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव, उभरती तकनीकों का इस्तेमाल और डिजिटल तैयारी का निर्माण जैसे विषयों पर अपने विचार साँझा किये। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशिक्षण और कौशल शिक्षा के निदेशक डॉ. विश्वजीत साह ने कहा कि एआई (AI) भविष्य की बेहद महत्वपूर्ण तकनीकों में से एक है और इसी में ही भारत की डिजिटल यात्रा को अगले स्तर तक ले जाने की क्षमता है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संज्ञान लेते हुए ट्वीट के माध्यम से इस कार्यक्रम की महत्वता पर प्रकाश डाला और जल्द ही भविष्य में भारत के वैश्विक केंद्र बनने की आशा की। अंत में सम्मिलित सभी लोगों को भागीदारी प्रमाणपत्र भी दिए गए।

बच्चों के भविष्य निर्माण हेतु आयोजित देश के इस अतिविशेष कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, सीबीएसई, इंटेल और भारतीय शिक्षा मंत्रालय का हार्दिक अभिनन्दन करता है तथा अपना आभार प्रकट करता है।

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