शिक्षा संपूर्ण विकास का आधारमूलक सत्य है । ज्ञानं मनुजस्य तृतीयं नेत्रं – वैदिक काल से ही शिक्षा को वह प्रकाश माना गया है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रकशित करने का सामर्थ्य रखता है । शिक्षा किसी भी राष्ट्र या समाज की प्राणवायु है, उसकी प्रेरणा है, उसकी ऊर्जा है और किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके द्वारा हासिल किए गये शैक्षिक स्तर पर ही निर्भर करता है । अतएव हमारी शिक्षा व्यवस्था पर एक वृहत जनसमूह को शिक्षित करने का उत्तरदायित्व है ।
साधन व संसाधन सीमित हैं और लक्ष्य अभी कोसों दूर है किन्तु यदि हम सभी मिलकर दृढ संकल्प के साथ आगे बढ़ें तो इस दायित्व की पूर्ति शीघ्र हो सकेगी । भारत को शत–प्रतिशत शिक्षित देश बनाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति मिलकर इस लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग प्रदान करें–संगगच्छध्वं, संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। अर्थात् हम सब एक साथ चलें, एक साथ बोलें, हमारे मन एक हो ।
संगगच्छध्वं की इसी तर्ज पर मंथन–संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा अम्बाला स्थित मनमोहन नगर तथा बसंत नगर का एक सफल सर्वेक्षण किया गया । इसी कड़ी में 15-16 दिसम्बर को मंथन के 15 कार्यकर्ताओं ने मिलकर अम्बाला स्थित मनमोहन नगर व बसंत नगर की बस्तियों के लगभग 200 घरों में जाकर शिक्षा स्तर का मूल्यांकन किया जिसमें ज्ञात हुआ कि इस क्षेत्र के कई तबके के लोग शिक्षा के अधिकार से आज भी वंचित हैं । आज भी कई लोग अज्ञानता के अंधकार में डूबे हुए हैं । यदि देश को पूर्ण शिक्षित करना है तो हमें जड़ तक जाना होगा । देश के विकास में हम अक्सर ऐसे लोगों को भूल जाते हैं । विकास के लिए सभी को साथ लेकर चलना होगा । इस सर्वेक्षण के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया । उन्हें शिक्षा का मूल्य समझाया गया कि किस प्रकार शिक्षा व्यक्ति के अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व का विकास करके उसे समाज का एक सदस्य व जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान व कौशल उपलब्ध कराती है । उन्हें इस बात का एहसास कराया गया की बच्चों को शिक्षित करना एक महान कार्य है और एक शिक्षित व्यक्ति का समाज में उन्नत स्थान होता है । इस सर्वेक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि 5 वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों का नामांकन किया जा सके। कार्यकर्ताओं के सफलतापूर्ण प्रयासों से वहां के सभी अभिभावकों ने अपने बच्चे के नाम शिक्षा के लिए अंकित करवाए व साथ ही अपने जैसे अन्य लोगों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करने की शपथ ली । फलस्वरूप इनकी शिक्षा हेतु इनके आसपास ही एक नूतन संपूर्ण विकास केंद्र की स्थापना शीघ्र ही की जायेगी ।