"वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन मेरे विचारों को वे नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन मेरी आत्मा को वे नहीं कुचल पाएंगे" - भगत सिंह।
भारत में 200 साल से चल रहे ब्रिटिश राज के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में कई वीरों ने अपने प्राणों की नि:स्वार्थ भाव से आहुति देकर अपने अदम्म्य साहस का परिचय दिया। देश के महान वीरों जैसे भगत सिंह, सुखदेव थापर एवं शिवराम राजगुरु के तप व त्याग को याद करने तथा उन्हें भावपूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 23 मार्च सम्पूर्ण राष्ट्र में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संचालित एक सामाजिक प्रकल्प है, जो देश के अभावग्रस्त बच्चों को नि:शुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके संपूर्ण व्यक्तिव विकास के लिए प्रयासरत है। इसी श्रृंखला मे देश के वीरों की वीरता एवं शहादत को याद करने तथा वर्तमान पीढ़ी को वीरगाथाओं से अवगत कराने हेतु मंथन- सम्पूर्ण विकास केंद्र द्वारा मार्च माह को "राष्ट्रीय शहीदी माह" के रूप में मनाया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की रोचक गतिविधियों, प्रस्तुतीकरण एवं कहानियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्राचीन मार्शल कला जैसे कलरीपायट्टु, महान वीर वीरांगनाओं जैसे रानी लक्ष्मी बाई , रानी अवन्ति बाई , शिवाजी महाराज , भगत सिंह , ऋषि दधीचि के उदाहरणों के द्वारा देश के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुँओं से अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त देश के उत्थान व विकास में कार्यशील महिलाओं जैसे राष्ट्र रक्षा में कार्यरत निकिता ढौंडियाल एवं कनिका राणे, मार्शल आर्ट कला जैसे कलरीपायट्टु के गुर सीखाने वाली मिनाक्षी अम्मा तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कार्यरत महिलाओं के बारे में भी बच्चों को अवगत कराया गया।
इन आयोजनों का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को भारतीय वीर, वीरांगनाओं के कठिन परिश्रम एवं उनके त्याग से अवगत कराना तथा उनमे एक उत्साह का संचार करना है जिससे वे न केवल गौरान्वित हों, बल्कि प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण में तथा भारत की सहिष्णुता व अखंडता की रक्षा करने में सकारात्मक योगदान दें सकें।