प्राचीन हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार माँ दुर्गा को ब्रह्मांड की एक दिव्य शक्ति और एक वरदान व समृद्धि का प्रतीक माना जाता हैं l माता की चौकी के माध्यम से माँ दुर्गा की पूजा कर उनका दिव्य आशीर्वाद तथा आतंरिक शांति को प्राप्त करते हैं l
भक्ति संगीत की हमारी प्राचीन विरासत की प्रासंगिकता को मजबूत करने के लिए श्री आशुतोष महाराज जी की असीम कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 5 अक्टूबर 2019 को पंजाब के बटाला क्षेत्र में माता की चौकी कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया l साध्वी भावअर्चना भारती जी ने भक्ति संगीत कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को ईश्वरत्व की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया l साध्वी जी ने भक्तिमय भजनों तथा उनकी व्याख्या द्वारा माँ दुर्गा की असीम शक्तियों और कृपा को भक्तों के सम्मुख उजागर किया l कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ जिसके बाद माँ दुर्गा को समर्पित कई भजनों का गायन हुआ l साध्वी जी ने नवरात्रों में होने वाली माँ के नौ रूपों की पूजा के पीछे आध्यात्मिक रहस्य को उजागर किया l उन्होने माँ दुर्गा और महिषासुर की कहानी को अच्छाई की बुराई पर जीत के सूचक के रूप में उद्धृत किया l
साध्वी जी ने कहा कि किसी भी भौतिक इच्छा को पूरा करने के लिए की गई कोई भी प्रार्थना या भजन का लाभ या आनंद केवल अल्पकालिक ही रहता हैं परन्तु भजन गाने और सुनने से जो आध्यात्मिक लाभ होता हैं वो शाश्वत तथा स्थायी होता हैं l यह न केवल आतंरिक शांति प्रदान करता हैं बल्कि दैवीय प्रार्थनाओं की जीवंत ध्वनि के माध्यम से नकारत्मकता को रोकने में भी एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता हैं l लेकिन व्यक्ति केवल ब्रह्मज्ञान के माध्यम से माँ दुर्गा से वास्तविक रूप से जुड़ सकता हैं l आत्मानुभूति एक भक्त की आतंरिक दिव्यता को जाग्रत कर भगवान के सच्चे नाम को प्रकट करती हैं l माँ दुर्गा के वास्तविक रूप को देखने के उपरांत गाए जाने वाले भजन या प्रार्थना परमानन्द, करुणा और सकारात्मक स्पंदन का संचार करती हैं और मोक्ष प्राप्ति के दवार खोलती हैं l
साध्वी जी ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि श्री आशुतोष महाराज जी इस युग के एक महान आध्यात्मिक कल्याणकारी महापुरुष हैं जो दिव्य ज्ञान प्रदान कर आध्यात्मिक जाग्रति द्वारा ईश्वर कि प्रत्यक्ष अनुभूति करवा रहे हैं और यही देवी माँ कि वास्तविक पूजा और पूर्ण भक्ति का प्रतीक हैं l माता की चौकी कार्यक्रम के आयोजन से श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक उत्साह का संचार हुआ तथा उन्होने भविष्य में भी इस तरह के स्मरणीय एवं दिव्य आयोजन कि आशा व्यक्त की l