माँ दुर्गा, आदि परम शक्ति, महाकाली और भवानी उस एक ही ईश्वरीय शक्ति को दिए गए विभिन्न नाम है l वे भगवान शिव की पत्नी है l माँ दुर्गा सम्पूर्ण ब्रह्ममांड में व्याप्त शक्ति का स्त्रोत है l माँ दुर्गा हमें बुराई से लड़ने, हमारे जीवन से अन्धकार मिटाने एवं सत्य पथ का अनुगामी बनने हेतु हमें प्रेरित करती है l मानव अपने भीतर उस ईश्वरीय शक्ति के दर्शन करने एवं सर्वोच्च चेतना की दिव्यता का अनुभव करने में सक्षम है l
माँ दुर्गा की असीम शक्ति और कृपा को भक्तों के सम्मुख उजागर करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 30 अप्रैल 2019 को 'माता की चौकी ' कार्यक्रम का अमृतसर, पंजाब में आयोजन किया गया l गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मंगलावती भारती जी द्वारा कार्यक्रम में माता की दिव्य लीलाओं का व्याख्यान किया गया l
साध्वी जी ने आध्यात्मिक समृद्धि के रहस्यो को बड़े ही मार्मिक ढंग से श्रोताओं के समक्ष उजागर किया जो की इस देश की प्राचीन विरासत का एक अभिन्न अंग है l उन्होंने बताया की प्रत्येक मनुष्य में बुराईयों एवं नकारात्मक विचारों से लड़ने की शक्ति है, यदि वे अपने दिव्य स्वरुप से जुड़े हुए है l माँ दुर्गा सभी को अपने कार्यो के प्रति उत्साही होने तथा सदा सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने हेतु प्रोत्साहित करती है l वह सम्पूर्ण मानव समाज को ईश्वर से जुड़कर शाश्वत भक्ति करने का सन्देश देती है l नारीत्व के सबसे ताकतवर और प्रचंड पक्ष का प्रक्षेपण माँ दुर्गा की कथाओ में स्पष्ट वर्णित है l देवी दुर्गा ने शक्ति के रूप में अवतार लिया l माँ भक्तो के लिए स्नेहपूर्ण तथा दुष्टो के लिए भयावह रूप में अवतरित हुई और उनके दोनों ही रूपों की पूजा अर्चना भक्तों द्वारा की जाती है l साध्वी जी ने हमारे अंतर्घट में विद्यमान प्रभु की सुंदरता का परिचय दिया l हम सभी को सनातन प्रक्रिया 'ब्रह्मज्ञान' द्वारा ईश्वर प्राप्ति का अधिकार है l
कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रभु के दिव्य कमल चरणों में प्रार्थना के साथ हुआ l आयोजकों द्वारा सभी अतिथियों , प्रचारकों, स्वयंसेवको तथा श्रोताओ का स्वागत किया गया l भक्ति संगीत की धुनों से सजी मधुर भजनो और गीतों की श्रृंखला ने माहौल को दिव्यता तथा सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया l
इस आध्यात्मिक सत्र का उद्देश्य लोगों को प्रेरित करना तथा उन्हें श्रेष्ठ ज्ञान का मार्ग खोजने में मदद करना था l लोगों को उनके अंतर्घट में विद्यमान 'शक्ति' (ईश्वर) का साक्षात्कार करने हेतु प्रोत्साहित किया गया l कार्यक्रम का समापन आरती वंदना तथा प्रसाद वितरण से हुआ l