भगवान श्री कृष्ण द्वारा प्रसारित आध्यात्मिक संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने हेतु गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 18 और 19 अगस्त 2022 को भव्य स्तर पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव डीडीए ग्राउंड, सेक्टर 10, द्वारका, दिल्ली में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं में निहित धर्म स्थापना एवं मानव समाज के कल्याण हेतु गूढ़ संदेशों पर प्रकाश डालना रहा। डीजेजेएस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी इस कार्यक्रम का वेबकास्ट प्रसारित किया गया।
वर्तमान परिवेश में बुद्धिजीवियों के पास पर्याप्त जानकारी न होने अथवा वेदों का गहन अध्ययन न कर पाने के कारण, भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को तोड़-मरोड़ कर अनुचित शैली में प्रस्तुत किया जाता है, चाहे वह रास-लीला हो, माखन चोरी लीला हो, या महाभारत युद्ध, इत्यादि। अतः जन-जन को श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़े गहन रहस्यों से अवगत कराने हेतु डीजेजेएस अनवरत रूप से प्रयासरत रहा है। श्री कृष्ण लीलाओं में निहित मार्मिक तथ्यों की महत्ता को जन-मानस के हृदय-पटल पर उकेरने के लिए उनके जीवन से प्रेरणात्मक दृष्टान्तों को नाट्य व नृत्यनाट्य शैली में प्रस्तुत किया गया। इस विलक्षण कार्यक्रम का उल्लेख प्रमुख समाचार पत्रों जैसे दैनिक भास्कर, जनभारत मेल, दर्पण टाइम्स, नवनीत एक्सप्रेस, दैनिक जनवानी, राजपथ, पत्रिका समाचार, वीर अर्जुन, आदि में किया गया।
भा.ज.पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री जे. पी. नड्डा जी; वी.एच.पी. के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय श्री आलोक कुमार जी; राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार श्री विजय सांपला जी; राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भा.ज.पा. श्री श्याम जाजू जी; राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा श्री दुष्यंत कुमार गौतम जी; दिल्ली क्षेत्र भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता जी; लोक सभा सांसद (दक्षिण दिल्ली) श्री रमेश बिधूड़ी; सांसद, पश्चिमी दिल्ली श्री प्रवेश वर्मा जी; संगठन मंत्री, भाजपा श्री सिद्धार्थन जी; विश्व हिंदु परिषद नेता श्री दिनेश जी; पूर्व मंत्री, भा.ज.पा. हरियाणा श्री जसवंत यादव; सह प्रभारी, भा.ज.पा. (जम्मू-कश्मीर) श्री आशीष सूद जी; उपाध्यक्ष, भा.ज.पा. (दिल्ली) श्री राजीव बब्बर जी; विधायक, रोहिणी श्री विजेंद्र गुप्ता जी, आई.ए. एस. अधिकारी श्री सत्यपाल जी, आई.ए.एस. अधिकारी और निजी सचिव (राज्य मंत्री, संसदीय कार्य मंत्रालय) श्री राजीव वर्मा जी; पद्मश्री एवं पूर्व सांसद (दिल्ली) श्री जितेन्द्र सिंह शंटी जी, भारतीय अभिनेता एवं कॉमेडियन श्री सुदेश लहरी जी जैसे कई माननीय अतिथिगणों की कार्यक्रम में उपस्थिति रही।
श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्य एवं शिष्याओं साध्वी परमा भारती जी, साध्वी तपेश्वरी भारती जी, साध्वी श्रेया भारती जी, साध्वी वैष्णवी भारती जी, स्वामी चिदानंद जी एवं अन्य शिष्यों ने बड़ी ही सुंदर शैली में उपस्थित भक्तजनों को श्री कृष्ण के आदर्शपूर्ण जीवन व उनकी लीलाओं द्वारा मिलने वाले सामाजिक एवं आध्यात्मिक संदेश से अवगत करवाया। बाल्यकाल से ही भगवान श्री कृष्ण लोगों को उनकी दुष्प्रवृत्तियों व विकारों को त्याग कर धर्म के आधार पर जीवन जीने के लिए सक्षमता व प्रेरणा प्रदान करते रहे।
व्यवसायिक क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए भगवान श्री कृष्ण एक कुशल व प्रभावशाली नेता का आदर्श उदाहरण हैं। श्री कृष्ण के जीवन का हर पक्ष समाज के विकास में एक अद्वितीय उपहार के रूप में सिद्ध होता है। कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि पर, जगद्गुरु श्री कृष्ण ने अर्जुन को भगवद् गीता के माध्यम से ज्ञान प्रदान किया तथा उसे दिव्य चक्षु के माध्यम से अपने तत्त्व स्वरूप का दर्शन कराया। ऐसा कर के भगवान श्री कृष्ण ने समस्त मानव जाति को आध्यात्मिक जाग्रति व उच्च जीवन जीने हेतु महत्वपूर्ण मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया है।
संक्षिप्त में, भगवान श्री कृष्ण ने इस तथ्य को उजागर किया कि आध्यात्मिक जाग्रति के अभाव में इंसान सांसारिक सुख-वैभव में उन्नत हो सकता है, परंतु मानसिक व आत्मिक शांति के स्तर पर उन्नति हासिल नहीं कर सकता। आध्यात्मिक ज्ञान ही वह शाश्वत विधि है जिसके आधार पर मनुष्य संयमित, सुखी और अध्यात्म संपन्न जीवन जी सकता है। और शास्त्रों का एकमत उद्घोष है कि समय के पूर्ण सतगुरु ही व्यक्ति को शाश्वत विधि द्वारा आध्यात्मिक जाग्रति प्रदान कर सकते हैं। श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं कि विश्व में परिवर्तन लाने के लिए, इसकी मूल इकाई- मानव में परिवर्तन को क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। ब्रह्मज्ञान का विज्ञान मानव के समस्त विकारों का अंत कर के उसके भीतर एक क्रांति को जन्म देता है; और मानव में क्रांति ही विश्व में शांति लाने का मार्ग प्रशस्त करती है।
डीजेजेएस के विभिन्न सामाजिक एवं आध्यात्मिक प्रकल्पों के प्रति जागरूकता प्रदान करने व उनमें सहभागिता के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रम में information desks लगाए गए। जिनमें संस्थान के विविध प्रकल्पों जैसे (1) मंथन – संपूर्ण विकास केंद्र, अभावग्रस्त वर्ग के लिए समग्र शिक्षा कार्यक्रम (2) कामधेनु – देसी गौ संरक्षण एवं संवर्धन प्रकल्प, (3) अन्तर्दृष्टि – नेत्रहीन एवं विकलांग वर्ग के लिए सामाजिक प्रकल्प, (4) अंतरक्रांति – बंदी सुधार व पुनरुत्थान प्रकल्प, (5) संतुलन – लिंग समानता प्रकल्प, (6) बोध – नशा उन्मूलन प्रकल्प, (7) संरक्षण – पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प, (8) आरोग्य – सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रकल्प, (9) समाधान – प्राकृतिक आपदा सहायता एवं पुनर्वास प्रकल्प, आदि की विशेष प्रदर्शनी (exhibition) लगाई गई।
इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण के जीवन का शास्त्रों के आधार पर सुंदर विवरण प्राप्त कर उपस्थित श्रद्धालुजन दिव्य आभा में सराबोर नज़र आए। अतः श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का भव्य कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और भारत की आध्यात्मिक धरोहर को जन-जन तक पहुँचाने में कारगर सिद्ध हुआ।