दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 2013, 2015 और 2018 के बाद 14 मई, 2023 को पंजाब स्थित नूरमहल में फिर से एक विशाल महिला रैली 'युग निर्माणी नारी' का चौथी बार आयोजन किया। अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के अवसर पर संस्थान के नूरमहल आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम में असंख्य महिलाओं ने इकट्ठा होकर अपनी दिव्य माँ अर्थात दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक - दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरण कमलों में प्रणाम अर्पित किया। संगीतमय प्रस्तुतियों से लेकर विचारशील नाट्य मंचन, प्रेरक नृत्यों से लेकर आध्यात्मिक प्रवचनों तक, इस शानदार कार्यक्रम ने सभी में साहस, उत्साह, सकारात्मकता और आनंद का संचार किया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्याओं द्वारा मधुर संगीत का गायन, वाद्य यंत्रों को बजाना और लाखों की संख्या में उपस्थित महिलाओं को प्रेरित करना, इन सभी विशेषताओं ने इस कार्यक्रम को एक विलक्षण रूप दिया। उक्त कार्यक्रम संस्थान के महिला सशक्तीकरण और लिंग समानता प्रकल्प - संतुलन के 'तू है शक्ति' अभियान के अन्तर्गत आयोजित किया गया था।
साध्वी मनस्विनी भारती जी, साध्वी सौम्या भारती जी और साध्वी तपस्विनी भारती जी ने इस भव्य कार्यक्रम का संचालन किया और दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा महिलाओं के उत्थान हेतु महत्वपूर्ण योगदानों को उजागर किया, साथ ही सभी को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि कैसे श्री महाराज जी आज 21 वीं सदी की महिलाओं में वैदिक युग की नारियों के श्रेष्ठ गुणों को रोपित कर रहे हैं। "तप से पोषित श्रम का अपने समाज को अमृत पिलाएगी। संधिकाल की ब्रह्मवेला में नारी सतयुग लाएगी।” - दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के इस दिव्य उद्घोष के माध्यम से कार्यक्रम में बताया गया कि गुरुदेव द्वारा की गयी यह भविष्यवाणी सामाजिक-वैज्ञानिकों और दार्शनिकों द्वारा की गई भविष्यवाणियों से भी एक कदम आगे है, जो कहते हैं कि 21वीं सदी महिलाओं की है।
“एक ओर तो महिलाएं आज हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ स्थान को प्राप्त कर रही हैं, पर दूसरी ओर समाज में व्याप्त लिंग आधारित भेदभाव और ग्लास-सीलिंग इफ़ेक्ट जैसी समस्याएं महिलाओं की प्रगति में निरंतर बाधाएं बन रही हैं। इसलिए हमें महिलाओं के उद्धार हेतू सामाज में एक बड़े स्तर पर परिवर्तनकारी बदलाव लाने की आवश्यकता है” - साध्वी शिष्याओं ने भव्य मंच से कहा। साथ ही, साध्वी संगीतकारों और गायिकाओं ने दिव्य गुरु के विश्व शांति के मिशन के प्रति समर्पण की भावना को व्यक्त किया।
अहिल्याबाई होल्कर, सावित्रीबाई फुले, रानी मदालसा, रानी लक्ष्मीबाई, बसंत लता आदि विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से कार्यक्रम में सभी को वर्तमान समय के परिवर्तन-प्रतिनिधि बनने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में ‘रमणा-रूप' अर्थात ग्लैमर रूप के बजाय नारी के 'मातृ-रूप' की महिमा को सभी के समक्ष रखा गया।
भारत के उत्तरी राज्यों से नारी-शक्ति को एकत्र कर आयोजित इस कार्यक्रम में मातृत्व को नारीत्व से भी ऊँचा स्थान दिया गया। कार्यक्रम में सभी ने भक्ति गीतों पर नृत्य किया और अंत में सामूहिक भोजन [दिव्य भंडारे] को ग्रहण किया। 'युग निर्माणी नारी' नामक इस कार्यक्रम ने सभी महिलाओं में उत्साह को जागृत किया और उन्हें २१वी सदी की वैदिक महिला बन विश्व में सतयुग की स्थापना हेतु संकल्पबद्ध किया।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, विश्व में शांति एवं बंधुत्व की स्थापना हेतु कार्यरत एक सामाजिक व आध्यात्मिक संस्थान है; जो अपने नौ मुख्य प्रकल्पों द्वारा समाज में व्यापक परिवर्तन ला रहा है। ये नौ प्रकल्प हैं – महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, साक्षरता अभियान, सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम, नशा उन्मूलन कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम, भारतीय देसी गौ संवर्धन एवं नस्ल सुधार कार्यक्रम, आपदा प्रबंधन कार्यक्रम, बंदी सुधार कार्यक्रम और नेत्रहीन एवं दिव्यांगों का सशक्तिकरण कार्यक्रम।