दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का सामाजिक प्रकल्प मंथन -संपूर्ण विकास केन्द्र अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करता संपूर्ण शिक्षा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत पूरे देश में 18 संपूर्ण विकास केन्द्र हैं जिसमें लगभग 2000 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विविद्ध स्तर जैसे शैक्षणिक ,शारीरिक ,मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर पोषित कर उनमें नैतिक मूल्यों को उन्नत करना है ।
इसी कड़ी में मंथन के विकासपुरी स्थित संपूर्ण विकास केंद्र पर 30 जुलाई को जीवन कौशल कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कौशल कार्यशाला का विषय समयनिष्ठता की शक्ति था । यह सत्र साध्वी सुश्री अनीशा भारती जी द्वारा लिया गया । उन्होंने विद्यार्थियों के मध्य समयनिष्ठता की शक्ति को प्रकाशित करते हुए यह स्पष्ट किया कि समय की पाबन्दी सफलता का मूल मंत्र है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समय की पाबन्दी के द्वारा आसानी से उन्नति की जा सकती है । साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि समयनिष्ठता विद्यार्थियों का महान गुण होता है क्योंकि यह उन्हें अनुशासन भी सिखाता है ।
इसी क्रम में विद्यार्थियों को विविध गतिविधियों के माध्यम से यह सिखाया गया की किस प्रकार समय सीमा में रहकर कार्यों का निर्वहन भली प्रकार से किया जा सकता है । साथ ही उन्हें लघु विडियो भी दिखाया गया जिसके माध्यम से यह सन्देश संप्रेषित किया गया कि जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों का समय निष्ठ होना बहुत अधिक आवश्यक है , समयनिष्ठता अच्छे गुणों में से एक है जो विद्यार्थियों को अधिक सभ्य और सुसंस्कृत बनाता है ।
इसके अतिरिक्त बच्चों को कुछ पहेलियों को निर्धारित समय सीमा में सुलझाने को दिया गया जिसके माध्यम से उन्हें यह समझाया गया कि जिस प्रकार प्राकृतिक प्रक्रिया जैसे सूर्य का उगना ,पानी का बहना, मौसमों का आना , फूलों का खिलना आदि समय से होता है, उसी प्रकार हमें भी सभी कार्यों को समय से करना चाहिए ।
इसी क्रम में बच्चों को भ्रमण के लिए बगीचे में ले जाया गया जहाँ बच्चों ने विविद्ध क्रीडाओं के माध्यम से समयनिष्ठता के महत्व को समझा तथा जीवन में लागू करने का प्रण भी लिया। इस सत्र में कुल 60 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने स्वानुभवों को भी साँझा किया जिसका प्रतिसाक्ष्य भी बनाया गया ।
मंथन –संपूर्ण विकास केन्द्र द्वारा निरंतर इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहा है ताकि विद्यार्थियों में सकरात्मक परिवर्तन लाया जा सके । अतएव मंथन शैक्षणिक विशिष्टता के साथ-साथ विद्यार्थियों के नैतिक विकास के लिए भी कार्यरत है। इसके लिए हम पूजनीय गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी को नमन करते हैं जिनकी कृपा से यह सत्र सफल हो पाया।