दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 11 से 15 सितम्बर 2024 तक शाहकोट, पंजाब में पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने धर्म के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन व लीलाओं का सुंदर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

साध्वी जी ने समझाया कि ब्रह्मज्ञान द्वारा ही भगवान राम के वास्तविक रूप को जाना जा सकता है। अपने जीवन काल में अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए भी भगवान राम सत्य व धर्म के पथ से कभी विचलित नहीं हुए। उन्होंने अपने गुरुदेव के वचनों का पूर्ण निष्ठा से पालन किया, विनम्रता का परिचय देते हुए कभी भी अपनी उपलब्धियों के लिए प्रशंसा की इच्छा व्यक्त न की। एक समर्पित पुत्र, निष्ठावान मित्र, विश्वसनीय पति व उदार शासक के रूप में भगवान राम ने सदैव समाज कल्याण को प्राथमिकता दी और धर्मपूर्ण जीवन का उदाहरण स्थापित किया।
साध्वी जी ने समझाया कि ब्रह्मज्ञान द्वारा अपने भीतर ईश्वर का अनुभव करने के पश्चात ही व्यक्ति की विवेक शक्ति जागृत होती है और वह भगवान राम द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल पाता है। समय के पूर्ण सतगुरु द्वारा प्रदत्त यह ब्रह्मज्ञान तृतीय नेत्र को जाग्रत कर भक्त को उसके भीतर ही ईश्वर की साक्षात अनुभूति करवाता है। ब्रह्मज्ञान प्राप्त हो जाने पर मन का रूपांतरण द्वारा ‘आंतरिक अनुसंधान’ की प्रक्रिया घटित होती है जो परम चेतना से जुड़े रहने और जीवन के परम लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है।

आज श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में विश्व भर में अनेकों शिष्यों ने ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर जीवन में गहरा परिवर्तन देखा है। अपने अनुभवों से प्रेरित होकर यह शिष्य ब्रह्मज्ञान की लौ को जीवित रखते हुए सक्रिय रूप से इस दिव्य ज्ञान का प्रसार कर रहे हैं। यह भक्त आध्यात्मिक रूप से जागृत होने के साथ-साथ समाज के एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं, जो महाराज जी के मार्गदर्शन में संस्थान के विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों में निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवा अर्पित करते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने समाज कल्याण हेतु संस्थान के प्रयासों को सराहते हुए भविष्य में ऐसे और आयोजनों का अनुरोध किया और उनमें सहयोग देने में अपनी गहरी रुचि भी व्यक्त की।