करनाल: धर्म गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्ग दर्शन में संस्थापित एवं संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हेतु हरियाणा के करनाल क्षेत्र में “कन्या बचाओ रैली” का भव्य आयोजन किया गया. श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी गुरुज्ञानन्द जी ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम में उपस्थित होकर लिंग आधारित भेदभाव जैसी समस्या के विरुद्ध कदम उठाने के लिए उनका धन्यवाद भी किया.
श्री कुलदीप शर्मा (विधायक गन्नौर), श्रीमती शिखा (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट), श्री मनोज वाधवा (पूर्व उप महापौर, करनाल), श्रीमती हेमलता (सामाजिक कार्यकर्ता) एवं मेघा भंडारी जी ने विशेष अतिथियों के रूप में अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. कार्यक्रम की शुरुआत एक नृत्य नाटिका से हुई जिसके बाद नुक्कड़ नाटक व सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या - साध्वी गोपिका भारती जी द्वारा चिंतन सत्र जैसी विविध गतिविधियां हुयी. तत्पश्चात, संतुलन की सैंकड़ों उत्साहित महिला कार्यकर्ताओं द्वारा सेवा समिति, अर्जुन गेट से रैली का भव्य शुभारंभ हुआ. टू-व्हीलर्स पर सवार तथा पदयात्रा के माध्यम से जन मानस को जागृत करतीं सैंकड़ों युवतियों व महिलाओं ने शहर भर में नारे लगाते हुए लोगों से कन्या भ्रूण हत्या को त्यागने व महिलाओं का सम्मान करने का आग्रह किया.
हरियाणा राज्य सन 2011 से एक बड़े सुधार का साक्षी रहा है. सन 2011 में हरियाणा में प्रति 1000 लड़कों पर 834 लड़कियों की संख्या शर्मनाक थी. परन्तु सन 2018 तक प्रति 1000 लड़कों पर 914 लड़कियों तक इस संख्या को पहुँचाया गया. इसके साथ सतह, साक्षी मलिक (जिन्होंने फ्री स्टाइल कुश्ती में ब्रोंज़ मेडल जीता) और साइना नेहवाल (जिन्होंने ओलंपिक में देश को बैडमिंटन में मेडल दिलाया); दोनों ही हरियाणा से हैं. साइना ने एक बार बताया था कि उनके जन्म के समय उनकी दादी उनके कन्या होने के कारण उनसे मिलने तक नहीं आयी थीं. इसी सन्दर्भ में साध्वी जी ने अपने विचारों में कहा – “साक्षी या साइना ने अगर सुर्खियों में न आकार एक साधारण और सहज जीवन भी चुना होता, तब भी वे जीने का सम्पूर्ण अधिकारी ही हैं. कन्याओं को जीवित रहने के लिए अपनी योग्यता प्रमाणित करने की आवश्यकता क्यूँ पड़ती है?”
कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने अपने विचारों में कहा - “आज हम, एक समाज के रूप में, खुद को 21 वीं सदी का नागरिक नहीं बल्कि 18 वी शताब्दी का ही कहें तो ठीक होगा क्यूंकि हम आज भी कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध का समर्थन कर रहे हैं. कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक समस्या है, इसलिए इसका समाधान भी इसी समाज को निकलना होगा. मात्र आध्यात्मिक क्रांति का बीज बोकर ही इसे जड़ से ख़त्म किया जा सकता है”.
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक सामाजिक व आध्यात्मिक संस्थान है जो मानवता के सम्पूर्ण कल्याण हेतु अंतर्दृष्टि, मंथन, बोध, कामधेनु, आरोग्य, संरक्षण, समाधान, संतुलन व अंतरक्रांति जैसे सामाजिक प्रकल्पों द्वारा विश्व भर में विशाल स्तर पर कार्यरत है.
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