बरेली: उत्तरप्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की घटनाओं का दौर, जनता और समाज में नाराज़गी पैदा कर रहा है | राज्य में महिलाओं की स्थिति इस हद तक निराशाजनक बन चुकी है कि महिलाएं अपने अस्तित्व के खिलाफ अपराधों के तूफ़ान से जूझ रही हैं | यह वर्तमान परिदृश्य कम साक्षरता और शिक्षा का स्तर, अनसुनी शिकायतें, उम्रदराज पूर्वाग्रह और पितृसत्तात्मक मानसिकता का परिणामस्वरूप है | राज्य में महिलाओं की चौका देने वाली स्थिति को देखते हुए श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य नेतृत्व में संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन द्वारा एक और अभियान शुरू किया गया जिसका केंद्र बिंदु बरेली रहा | इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं को लिंग परिप्रेक्ष्य में शिक्षित करना और उन्हें लिंग आधारित भेदभाव के प्रति जागृत करना है |
आंकड़ों के अनुसार, सामाजिक संकेतक और जनसांख्यिकी के आधार पर राज्य महिलाओं के लिए सबसे खराब है, क्योंकि 2016 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज अपराधों का दर सम्पूर्ण भारत के दर का 14.5% था ( ref: NCRB रिपोर्ट 2017) | महिला सशक्तीकरण के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण को रखते हुए संतुलन, आत्म-चेतना के प्रभावी पुनरुद्धार हेतु, नियमित अंतराल में कार्यशालाओं और सत्रों को आयोजित करने हेतु कार्यरत है | इन कार्यशालाओं और सत्रों में साध्वी शिष्याओं द्वारा प्रबुद्ध प्रवचन शामिल होते हैं, जो महिलाओं के जीवन में आर्थिक, शैक्षिक और शारीरिक सशक्तिकरण की विफलता के कारण और समाधान पर चर्चा करते हैं | प्रवचनों के माध्यम से उन आध्यात्मिक पहलुओं पर ज़ोर दिया जाता है जिससे व्यक्ति आत्मिक स्तर से जागृत हो जाता है और अपने भीतर समानता और सशक्तिकरण के सार को धारण कर पाता है | इसके अलावा कन्या के जन्म हेतु समाज की पुकार पर आधारित संवेदनशील नाटिका, हिंसा से प्रताड़ित महिला के दुःख को दर्शाता हुए नृत्य, पुत्र वरीयता, भ्रष्टाचार और महिलाओं के विरुद्ध मानसिकता का विश्लेषण करते मनोरंजक खेल भी इन कार्यशालाओं का भाग होते हैं |
कार्यशालाओं में महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ प्रतिभागियों से उनकी राय लेने हेतु समूह चर्चा के एक और दिलचस्प उपकरण को अपनाया जाता है | जिसमें, प्रतिभागियों को विभिन्न समूहों में विभाजित किया जाता है और महिलाओं के विरुद्ध अपराध पर समाचार पत्रों के लेखों को प्रत्येक समूह के साथ साझा किया जाता है | फिर उन्हें उन अपराध और उनके समाधान पर चर्चा करने के लिए कहा जाता है | इस गतिविधि के माध्यम से महिलाओं द्वारा प्रचलित परिदृश्य, समान स्थितियों में व्यक्तिगत अनुभवों के आदान-प्रदान, और कैसे इसे दूर किया जा सकता है, पर गहन चर्चा होती है | प्रत्येक समूह के प्रतिनिधि द्वारा चर्चा को संशिप्त रूप में सबके समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और अपराध के कारण, परिणाम और समाधान पर प्रकाश डाला जाता है | इससे महिलाओं के अंदर की वह पीड़ा भी बाहर निकलकर आती है जो वे पहले कभी किसी को व्यक्त नहीं कर पायी थीं |
कार्यशाला का समापन एक संवेदनशील प्रदर्शनी के साथ किया जाता है जिसमें मिथ्याओं और भ्रांतियों का रहस्योद्घाटन करते पोस्टरों को प्रदर्शित किया जाता है, साथ ही स्वयंसेवकों द्वारा उपस्थित लोगों के साथ लिंग आधारित विषयों पर परामर्श किया जाता है | लिंग समानता के सन्देश को जन जन तक पहुचाने हेतु संतुलन के ज्ञानवर्धक पैम्फलेट का व्यापक वितरण भी किया जाता है |
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के उत्थान हेतु डीजेजेएस के बरेली केंद्र व्दारा आयोजित विभिन पहलों की कुछ झलकिय ....