16 मार्च 2025 को पटियाला, पंजाब के हरपाल तिवाना ऑडिटोरियम में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा ‘शिव संकल्पमस्तु’ भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भक्तों के मन में आत्मविश्लेषण के भाव को उत्पन्न करना एवं उन्हें ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्म-जागृति की दिशा की ओर प्रेरित करना था। दिव्य गुरु श्रीआशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी जयंती भारती जी ने मार्मिक प्रवचनों के माध्यम से शिव संकल्प के अर्थ को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि सच्चा परिवर्तन तभी संभव है जब मानव चेतना परम सत्य से जुड़ती है।
साध्वी जी ने इस तथ्य को उजागर किया कि विश्व को परिवर्तित करने की दिशा में प्रथम पग स्व का रूपांतरण है।

साध्वी जी ने उपस्थित श्रोताओं को यह संदेश दिया कि वर्तमान समय में हो रहे पर्यावरण असंतुलन, नैतिक पतन व बढ़ती अशांति के पीछे मूल कारण मानव का अस्थिर मन है। भौतिकता की ओर दौड़ते संसार को आज रुककर चिंतन करने व भीतर के दिव्य स्रोत से जुड़ने की अत्यंत आवश्यकता है। यह आंतरिक संबंध ब्रह्मज्ञान के शाश्वत विज्ञान द्वारा ही संभव हो सकता है। आत्म-साक्षात्कार की यह शाश्वत विधि आज दिव्य ज्योति जाग्रतिसंस्थान के संस्थापक व संचालक श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रदान की जा रही है।
साध्वी जी ने अपने प्रभावशाली प्रवचनों द्वारा युवाओं को संदेश दिया कि कैसे आध्यात्मिक रूप से जागृत युवा सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं। उचित मार्गदर्शन द्वारा उनकी ऊर्जा एक ऐसे विश्व का निर्माण कर सकती है जो नैतिक मूल्यों, शांति व आंतरिक शक्ति पर आधारित हो।
मंत्रमुग्ध करने वाले भावपूर्ण भजनों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को दिव्यता से सराबोर किया। भजनों से झंकृत प्रत्येक स्वर मात्र संगीत न होकर आंतरिक जागृति व चेतनामयी जीवन जीने का एक आह्वान था।
कार्यक्रम में डॉ. जगपाल इंदर सिंह (सीएमओ पटियाला), डॉ. राजन सिंगला (निदेशक प्राचार्य, राजेन्द्र चिकित्सा महाविद्यालय) और डॉ. आकाशदीप अगरवाल (विभागाध्यक्ष, न्यायिक विज्ञान विभाग, राजेन्द्र चिकित्सा महाविद्यालय) सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। उन्होंने ज्ञान के प्रचार व समाज कल्याण हेतु डीजेजेएस के अथक प्रयासों की खूब सराहना की।
सभी आगंतुकों ने एक नई प्रेरणा के साथ कार्यक्रम से प्रस्थान किया। ‘शिव संकल्पमस्तु’ केवल एक भजन संध्या नहीं, बल्कि आत्म जागृति द्वारा आंतरिक परिवर्तन की एक अद्भुत यात्रा थी।