भगवान श्री राम के जीवन परिवर्तित करने वाले सिद्धांतों व जन-मानस में आध्यात्मिक जागरूकता का शंखनाद करने हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 17 से 23 जनवरी 2023 तक अहमदाबाद, गुजरात में भव्य सात दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। श्री राम के जीवन चरित्र से असंख्य प्रेरणाओं व उपदेशों को उजागर करती इस अलौकिक कथा में असंख्य श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की प्रचारक शिष्या व कथा व्यास साध्वी श्रेया भारती जी ने विवेकपूर्ण व्याख्यानों द्वारा आध्यात्मिक रहस्यों को उद्घाटित कर उपस्थित श्रोतागणों में भक्ति भावों का संचार किया। गुरुदेव के शिष्य संगीतकारों द्वारा प्रस्तुत भक्ति भावों से सराबोर भावपूर्ण भजनों ने सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साध्वी जी ने समझाया कि जीवन में कठिन परीक्षाओं व बाधाओं के होते हुए भी श्री राम की जीवन यात्रा संयम व धैर्य को दर्शाती है। उनकी जीवन यात्रा हमें श्रेष्ठ आचरण व सर्वोच्च त्याग का अनुपालन करने के लिए प्रेरित करती है। श्री राम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ की उपाधि से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने समाज के समक्ष यह चित्रित किया कि कैसे एक व्यक्ति को सामाजिक व्यवस्था का पालन करते हुए अपनी नैतिक प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करना चाहिए।
डीजेजेएस प्रतिनिधि ने सुंदर व सरल व्याख्यानों के माध्यम से समझाया कि भगवान राम का सर्वोच्च व्यक्तित्व कई रूपों में विस्तृत है। कहीं वे अपने प्रत्येक सांसारिक धर्म को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं तो वहीं वे एक प्रबुद्ध संत के रूप में शरण में आए सभी जिज्ञासुओं को सच्चा ज्ञान प्रदान करते हैं। साध्वी जी ने इस बात पर भी बल दिया कि आंतरिक जागरण और मोक्ष ‘ब्रह्मज्ञान’ के प्रतिफल हैं जिन्हें केवल एक पूर्ण आध्यात्मिक संत ही अपने भक्त के जीवन में प्रकट करने की क्षमता रखते हैं।
साध्वी जी ने सारांशित करते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करना एक श्रेष्ठ प्रयास है जो पूर्ण ‘ब्रह्म’ के संग व्यक्तिगत चेतना के प्राकृतिक संयोग को सक्षम बनाता है व जन्म-मरण के चक्रव्यूह से मुक्ति प्रदान करता है। आदरणीय श्री आशुतोष महाराज जी समय के पूर्ण गुरु हैं जिन्होंने अपने अनुयायियों को ‘ब्रह्मज्ञान’ आधारित ध्यान की शाश्वत विधि सिखाई है। आत्म-जागृति का यह पारलौकिक ज्ञान कोई मानसिक अटकल नहीं अपितु भौतिक गुणों के अधिकार क्षेत्र से परे एक आंतरिक विज्ञान है। आत्म-साक्षात्कार हमारे व्यक्तित्व पर पड़ी कृत्रिम परतों को नष्ट कर सांसारिक व भौतिक कर्म-बंधनों से मुक्ति प्रदान करता है। प्रभु श्री राम की शाश्वत भक्ति को प्रसारित करने के अथक प्रयासों के लिए उपस्थित सभी भक्तजनों व गणमान्य अतिथियों ने डीजेजेएस के प्रति अपनी गहन कृतज्ञता व अभिनंदना व्यक्त की।