गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डी.जे.जे.एस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा बे फगवाड़ा, पंजाब में 10 से 14 अक्तूबर 2023 तक पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा के शुभारंभ हेतु कार्यक्रम से एक दिवस पूर्व, 9 अक्तूबर 2023 को कलश यात्रा का आयोजन किया गया। कलश यात्रा द्वारा क्षेत्र निवासियों को अपनी व्यस्त जीवन-चर्या से समय निकाल कर कथा में भाग लेने के लिए आग्रह किया गया।
![Shri Ram Katha Instils Moral Values in People of Phagwara, Punjab](https://www.djjs.org/uploads/news/im_654c5e55418da.jpg)
कथा व्यास, साध्वी गरिमा भारती जी ने श्री राम के जीवन काल से जुड़ी लीलाओं में निहित गहरे आध्यात्मिक अर्थों को सुंदर विवरण सहित समझाया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जीवन चुनौतियों से भरा हुआ था, चाहे वह 14 साल का वनवास हो, भार्या सीता का राक्षस रावण द्वारा अपहरण हो, या फिर अपने राजकीय दायित्वों को निभाते हुए भावनात्मक व नैतिक दुविधाओं का सामना करना हो। परंतु समस्त चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए भी उनका धैर्य व संयम अतुलनीय रहा। इसीलिए उन्हें राइट एक्शन मैन (RAM) कहकर भी संबोधित किया जाता है। त्रेता युग में दर्शाए गए उनके आदर्श, नैतिक मूल्य व सिद्धांत वर्तमान काल में भी अत्यधिक महत्व रखते हैं।
भगवान राम को अक्सर धार्मिकता व सदाचार की प्रतिमूर्ति- ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के नाम से भी सम्मानित किया जाता है। उनका जीवन व जीवन-यात्रा सदैव ‘सनातन धर्म’- शाश्वत सत्य, के अनुकूल रही। भगवान राम दिव्यता व उच्च कर्तव्यपरायणता के आदर्श स्वरूप हैं। हर परिस्थिति में सकारात्मक व कुशल प्रतिक्रिया देने की उनकी कला आज भी सभी आयु वर्ग के लोगों को सामाजिक-आध्यात्मिक स्तर पर उच्चकोटि का जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करती है।
![Shri Ram Katha Instils Moral Values in People of Phagwara, Punjab](https://www.djjs.org/uploads/news/im_654c5e54acfbf.jpg)
साध्वी जी ने समझाया कि केवल आध्यात्मिक रूप से रूपांतरित व्यक्ति ही सुंदर समाज व विश्व शांति के मार्ग को प्रशस्त करने की क्षमता रखते हैं। और केवल समय के पूर्ण सतगुरु ही ब्रह्मज्ञान में दीक्षित कर हमें शांतिपूर्ण जीवन जीने की वास्तविक कला सिखा सकते हैं। तत्पश्चात अपने आत्म-स्वरूप से जुड़ कर हम जीवन को एक व्यापक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अनुभव कर पाते हैं।
डी.जे.जे.एस द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों जैसे कि मंथन, बोध, कामधेनु व आरोग्य आदि पर प्रतिदिन प्रचारकों व निःस्वार्थ सेवादारों द्वारा वृत्तचित्र सहित विस्तारपूर्वक विवरण प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने संस्थान के प्रयासों की अत्यधिक प्रशंसा की। उपस्थित श्रद्धालुओं ने जीवन में अध्यात्म के महत्व को जान डी.जे.जे.एस के सतत प्रयासों का अभिनंदन किया। भावपूर्ण भजनों व प्रेरणात्मक विचारों ने कार्यक्रम की और अधिक आकर्षक बनाया। दैनिक सवेरा, दैनिक भास्कर इत्यादि जैसे प्रसिद्ध समाचार पत्रों ने अपने लेखों में कार्यक्रम का चित्रों सहित प्रशंसनीय विवरण प्रकाशित किया।
कार्यक्रम का समापन वर्तमान समय में भी भगवान राम की तरह जीवन में उच्च नैतिक मूल्यों व आदर्शों को अपनाने पर बल देते हुए किया गया। अनेक श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा के सार को समझते हुए जीवन के परम लक्ष्य- ‘ब्रह्मज्ञान’ की प्राप्ति हेतु कदम आगे बढ़ाए। आध्यात्मिक यात्रा प्रारंभ करने हेतु डी.जे.जे.एस के द्वार सभी के लिए हमेशा खुले रहेंगे।