दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में रुद्रपुर, उत्तराखंड में 28 जनवरी - 3 फरवरी, 2024 के दौरान श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस 7 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने श्रीमद भागवत महापुराण का गूढ़ व मार्मिक वर्णन प्रस्तुत किया। दिव्य गुरूदेव के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत मधुर भक्ति रचनाओं ने भी सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कथा व्यास जी ने समझाया कि ध्यान न तो श्वास क्रियाओं का अभ्यास है, न यह केवल आंखें बंद करके कल्पना और चिंतन करना है, न ही इसका मतलब किसी बाहरी वस्तु को देखना है, या हमारी सीमित बुद्धि के माध्यम से गहरा विश्लेषण करना है। पूर्ण सतगुरु द्वारा दिव्य नेत्र के खुलने पर ही ध्यान की प्रक्रिया आरम्भ होती है, जब साधक अपने अंतःकरण में ईश्वर के तत्त्व स्वरूप का साक्षात्कार करता है। साध्वी जी ने इस बात को ग्रंथों के आधार पर समझाया तथा इसकी पुष्टि करते हुए कई वैज्ञानिक तथ्य भी सामने रखे।
साध्वी जी ने बताया कि कैसे और क्यों भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध से पहले अर्जुन को दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) प्रदान किया था। श्री कृष्ण ने पहले अर्जुन की बात को धैर्यपूर्वक सुना। तदोपरांत उसे सनातन ब्रह्मज्ञान प्रदान किया, जिसके बाद अर्जुन के सारे द्वंद्व मिट गए। वह सही और गलत की पहचान करके धर्म के मार्ग पर प्रशस्त हुआ।

साध्वी जी ने कहा कि आज श्री आशुतोष महाराज जी भी जन जन को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर रहे हैं। आज विश्व भर में असंख्य लोग दिव्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में, ब्रह्मज्ञान की साधना से विवेकपूर्ण एवं आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में अनुयायी 7 दिनों की कथा के दिव्य वातावरण का आनंद लेने के लिए एकत्र हुए और सभी ने समाज कल्याण हेतु डीजेजेएस के प्रयासों की भूरि भूरि सराहना की।