दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 19 से 25 मार्च 2025 तक फतेहाबाद, हरियाणा में एक आध्यात्मिक समृद्धि प्रदान करती श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। सात दिवसीय इस भव्य कथा कावाचन साध्वी वैष्णवी भारती जी ने किया, जो श्री आशुतोष महाराज जी की एक समर्पितशिष्या एवं तर्कपूर्ण तथा भावपूर्ण शैली में शास्त्रों का सटीक ज्ञान प्रस्तुत करने वाली विश्व विख्यात वक्ता हैं।

डीजेजेएस सिरसा शाखा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हज़ारों श्रद्धालुओं, साधकों एवंआध्यात्मिक जिज्ञासुओं ने आस-पास के क्षेत्रों से आकर भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभभगवान श्रीकृष्ण के चरणों में वंदना अर्पित करते हुए हुआ, जिसमें विश्व शांति एवंव्यक्तिगत आध्यात्मिक उत्थान के लिए आशीर्वाद की कामना की गई।
साध्वी वैष्णवी भारती जी ने भागवत महापुराण में निहित गूढ़ तथ्यों को स्पष्ट रूप से उजागरकिया, तथा आज के परिवेश में शास्त्रों की कालातीत प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंनेसमझाया कि भागवत का वास्तविक मर्म केवल भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के श्रवण मेंनहीं, अपितु एक पूर्ण गुरु द्वारा प्रदान किए जाने वाले दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) की यथार्थअनुभूति में निहित है।

उन्होंने कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन से अर्जुन के आत्मजागरण काउदाहरण देते हुए, आज के समय में मानव द्वारा लड़े जा रहे आंतरिक युद्ध से समानताबताते हुए कहा कि एक पूर्ण गुरु की शरण और ज्ञान के बिना, जीवन दिशाहीन रहता है।उन्होंने सरल उदाहरणों और तर्कसंगत ढंग से यह स्पष्ट किया कि केवल सतगुरु की कृपा हीआत्म-साक्षात्कार और स्थायी आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
कथा के दौरान भजन कीर्तन की मधुर प्रस्तुति ने भक्ति और आध्यात्मिक उत्थान कावातावरण बना दिया। श्रोतागण अत्यंत भावविभोर हुए और आत्मचिंतन कर ब्रह्मज्ञान केमाध्यम से जीवन के परम सत्य की खोज करने हेतु प्रेरित हुए।
अनेक उपस्थितजनों ने डीजेजेएस द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक और मानव उत्थानसंबंधी अभियानों की भी सराहना की तथा श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन मेंकार्य कर रहे कार्यकर्ताओं और प्रचारकों की निःस्वार्थ सेवाओं की प्रशंसा की।
फतेहाबाद में आयोजित यह पवित्र समागम न केवल शास्त्रीय ज्ञान के निकट ले गया, बल्कि व्यवहारिक आध्यात्मिकता के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा भी प्रदान कर गया, जिससे डीजेजेएस के आध्यात्मिक एवं सामाजिक जागरण के मिशन में एक और महत्वपूर्णअध्याय जुड़ गया।