आध्यात्मिकता के माध्यम से आत्मिक स्तर की श्रेष्ठता के खोजी साधक दिव्य अनुभवों को प्राप्त करते हैं। ईश्वरीय दिव्यता मात्र उन लोगों के समक्ष प्रकट होती है जो उन्हें प्राणपन से खोजने का प्रयास करते हैं। परमात्मा भी आत्मा से मिलने हेतु उसी प्रकार उत्सुक होते हैं, जिस प्रकार आत्मा, ईश्वर को पाने के लिए उत्सुक होती है। 1 दिसंबर से 7 दिसंबर, 2018 तक पंजाब के मनसा क्षेत्र में श्रीमद्भागवत कथा द्वारा अनेक दिव्य शिक्षाओं को प्रदान किया गया था।
साध्वी वैष्णवी भारती जी ने समझाया कि ईश्वर का सच्चा साधक उन्हें अवश्य प्राप्त कर लेता है। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ने अपने सभी शिष्यों को ब्रह्मज्ञान की सनातन और वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से ईश्वरीय सत्ता से जोड़, समाज सेवा हेतु सक्षम बनाया है। गुरुदेव के मार्गदर्शन में पुरे विश्व में अनेक आध्यात्मिक व सामाजिक गतिविधियों व कार्यकर्मों का आयोजन किया जाता है। ईश्वर जिज्ञासुओं को ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर-साक्षात्कार भी प्रदान किया जा रहा है।
जिस प्रकार भगवान कृष्ण ने अनेक भक्तों को आध्यात्मिकता से परिचित करवाते हुए जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य की और अग्रसर किया था, आज भी यह संभव है। साध्वी जी ने सामाजिक उत्थान हेतु संस्थान द्वारा चलायी जा रही अनेक गतिविधियों व कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। आज समाज में हर स्तर पर परिवर्तन की आवश्यकता है इसलिए समाज और विश्व को बदलने के लिए वास्तविक आध्यात्मिकता की अनिवार्यता है।
सात दिवसीय कथा में भगवान की स्तुतिगान ने उपस्थित भक्तों को प्रभु भक्ति के भावों से समृद्ध किया। संत समाज द्वारा सुंदर भक्ति रचनाओं ने वातावरण को दिव्य तरंगों से स्पंदित किया। अनेक ईश्वर दर्शन अभिलाषी भक्तों ने ब्रह्मज्ञान प्राप्ति हेतु अपना नामांकन भी करवाया क्योंकि प्रत्यक्ष अनुभव के अभाव में ईश्वर सम्बन्धी सिद्धांत अपूर्ण हैं।

