जनमानस में शाश्वत भक्ति के बीजों को रोपित करने हेतु लुधियाना, पंजाब में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 16 से 22 अप्रैल 2023 तक भव्य स्तर पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया। यह सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डी.जे.जे.एस.) की असीम अनुकम्पा द्वारा संभव हुई। कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी के दिव्य प्रवचनों और आत्मा को तृप्त करने वाली सुमधुर भक्ति रचनाओं ने श्रीमद्भागवत के आदर्श व्यक्तित्वों और उनके अलौकिक पक्षों को उजागर किया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की क्रांतिकारी और प्रेरक शिक्षाओं को जाना और लाभ उठाया।
कथा व्यास जी ने बताया कि श्रीकृष्ण अपने दिव्य और अलौकिक वैभव के साथ सबकी चेतना में वास करते हैं। भौतिक जगत को समझने और उसके साथ समन्वय स्थापित करने के लिए ईश्वर ने मानव के पंचभूत शरीर की संरचना की। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि मनुष्य केवल एक भौतिक प्राणी है! अपितु उसे बहिर्मुखी से अंतर्मुखी होना है, अर्थात इन भौतिक इन्द्रियों से परे अंतर की गहन यात्रा कर सर्वशक्तिमान ईश्वर से जुड़ना है। यही उसके जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
साध्वी जी ने समझाया कि श्री कृष्ण ने समाज से अंधकार और कुरीतियों का विनाश करने हेतु ‘ब्रह्मज्ञान’ को एक दैवीय यंत्र के रूप में प्रचारित किया। अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को समझने के लिए एक जिज्ञासु को पूर्ण सतगुरु के सान्निध्य की आवश्यकता होती है, जो उसे सृष्टि का सर्वोच्च ज्ञान ‘ब्रह्मज्ञान’ प्रदान करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को यही 'ब्रह्मज्ञान' प्रदान किया था। अतः एक पूर्ण गुरु अपने भक्तों में न केवल आध्यात्मिक जगत के छिपे हुए रहस्यों को प्रकट करते हैं; अपितु उन्हें अपार आत्मविश्वास और सतर्कता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी सक्षम बनाते हैं।
कथा व्यास जी ने बताया कि पिछले कुछ दशकों से श्री आशुतोष महाराज जी असंख्य भक्तों को आत्म-साक्षात्कार करा ध्यान, वैराग्य और निष्काम कर्म जैसे उत्तम संस्कारों से समाज को लाभान्वित कर रहे हैं।
इस कथा को वृहद् स्तर पर मीडिया कवरेज मिली और उपस्थित लोगों ने भी खूब सराहा। इस कथा से लोगों ने अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में भगवान से जुड़े रहने के महत्व को जाना। अतः यह कार्यक्रम जन मानस को अपने जीवन के सर्वोच्च उद्देश्य को समझाने में सफल रहा।