दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 29 मार्च से 04 अप्रैल 2025 तककपूरथला, पंजाब में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया।दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या एवं कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जीने भक्तों को दिव्य ज्ञान से अभिसिंचित किया। कथा का शुभारंभ भक्तिमय भजनों एवंमंत्रोच्चारण से हुआ, जिससे श्रोतागण सांसारिक चिंताओं से ऊपर उठकर परमात्मा कीओर ध्यान केंद्रित कर सके। मन की पवित्रता ही आध्यात्मिक चेतना और आतंरिक जागरणका द्वार है।

अपने प्रवचनों में साध्वी कालिंदी भारती जी ने भागवत महापुराण की शिक्षाओं को सरलभाषा में प्रस्तुत किया और बताया कि यह ग्रंथ एक सार्थक जीवन जीने का मार्गदर्शनकरता है। उन्होंने गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के वचनों को उद्धृत करते हुए कहा किसच्ची आध्यात्मिकता का अर्थ है निःस्वार्थ सेवा का जीवन जीना| अर्थात बिना किसीअपेक्षा के, दूसरों के कल्याण के लिए अपने समय, ऊर्जा और संसाधनों को अर्पित करना।उन्होंने समझाया कि भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य उपदेश हमें दैनिक जीवन में प्रेरित करते हैंऔर हमें अपने कर्तव्य (धर्म) पथ पर अडिग रहने की शक्ति प्रदान करते हैं।
मानव जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए भी धर्म का पालन करते रहना हीकथा का एक प्रमुख संदेश था। महाभारत युद्ध के दौरान, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहाकि युद्ध में सबसे बड़ा अनर्थ यह होगा कि यदि धर्म ही पराजित हो जाए। इसलिए यदिधर्म की विजय सुनिश्चित होती है, तो प्रियजनों का वियोग भी शोक करने योग्य नहीं है।

साध्वी जी ने श्रीमद् भागवत कथा में निहित दिव्य ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) के महत्व को स्पष्ट करतेहुए बताया कि यही ज्ञान धर्म, आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष की ओर ले जाता है। आज भीवही सनातन दिव्य ज्ञान, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को प्रदान किया था, इस समय केपूर्ण गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से प्राप्त किया जा सकता है। दिव्य ज्ञान याब्रह्मज्ञान परमात्मा की अनुभूति का माध्यम है, जिसके द्वारा व्यक्ति ईश्वरीय चेतना से जुड़सकता है। यह अंततः प्रत्येक कार्य में निर्णय लेने की क्षमता को सुदृढ़ करता है। श्रीआशुतोष महाराज जी द्वारा लाखों भक्तों को यह ब्रह्मज्ञान प्राप्त हो चुका है, जिसकेमाध्यम से वे अपने भीतर दिव्य अनुभूति कर शांति व आनंद का अनुभव कर रहे हैं।
सार रूप में, कथा ने भक्तों को यह अनमोल ज्ञान प्रदान किया और आध्यात्मिक जागृति कीखोज करने वालों के लिए यह कथा एक अलौकिक पथप्रदर्शक सिद्ध हुई| जिसनेआध्यात्मिकता की गहरी समझ विकसित करने और उसके सिद्धांतों को जीवन में उतारने के लिए एक प्रभावी माध्यम के रूप में मदद की। उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने इसे अत्यधिकसराहा क्योंकि यह कथा सभी को ध्यान व सेवा के मार्ग पर दृढ़तापूर्वक अग्रसर होने केलिए प्रेरित कर गई।
कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने इस आयोजनकी आध्यात्मिक प्रभावशीलता और व्यापकता को अनुभव किया तथा इसकी भूरी-भूरीप्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने डीजेजेएस के प्रतिनिधियों से भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों केआयोजन का अनुरोध किया।