दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में 08 से 14 सितंबर 2025 तक सिरसा, हरियाणा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक चेतना लाने के परम उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में असंख्य भक्तों, साधकों व गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति दर्ज़ की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण के पावन चरणों में प्रार्थना के साथ किया गया।

श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने श्रीमद्भागवत पुराण में निहित आध्यात्मिक ज्ञान को सुंदर व्याख्यान सहित उजागर किया। उन्होंने अपने मार्मिक ज्ञानवर्धक प्रवचनों के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को उस द्वापर युग की झलक दिखाई जहाँ भगवान श्री कृष्ण द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान के रहस्यों का उद्घाटन किया गया था। भगवान श्री कृष्ण पृथ्वी पर प्रतिभाशाली, बहुआयामी व क्रांतिकारी अवतार हुए, जिन्होंने राक्षसों का विनाश किया, भक्तों के सम्मान की रक्षा की, प्राचीन कुरीतियों को चुनौती दी, अर्जुन को अंतर-जाग्रति का अनुभव करवाया, युद्ध में पांडवों का मार्गदर्शन किया व अंततः धर्म की स्थापना की।
श्रीमद्भागवत के श्लोकों में निहित दिव्य ज्ञान को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देते हुए साध्वी जी ने कहा कि समय आ गया है कि हम इन श्लोकों को पढ़ने व लिखने तक ही सीमित न रहकर उनमें निहित गहरे सार को भी समझें। भक्ति पथ पर किसी भी प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन का प्रारंभ शाश्वत व परम दिव्य समाधान- ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के पश्चात ही आता है। ब्रह्मज्ञान द्वारा ही अर्जुन ने आत्म-साक्षात्कार कर भगवान श्री कृष्ण के तत्त्व रूप को जाना व स्वयं को उनके चरणों में समर्पित कर दिया। तत्पश्चात अपने गुरु की प्रत्येक आज्ञा को पूर्ण निष्ठा सहित पालन कर इतिहास का एक स्वर्णिम किरदार बन गया।

उन्होंने समझाया कि ब्रह्मज्ञान के बिना कोई भी व्यक्ति अंतर-जाग्रति को प्राप्त नहीं कर सकता। केवल ग्रंथों को पढ़ने मात्र से विचार, कर्म व व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। जब भगवान श्रीकृष्ण जैसे पूर्ण सतगुरु एक शिष्य को ब्रह्मज्ञान प्रदान करते हैं, तब ही मनुष्य में मानसिक व आत्मिक स्तर पर प्रभावशाली आध्यात्मिक परिवर्तन घटित होने लगता है। आज कलिकाल में श्री आशुतोष महाराज जी की परम कृपा से अनेकों भक्तों ने इस दिव्य रूपांतरण का अनुभव किया है और वह अन्य लोगों को भी ग्रंथों के अनुसार धर्म के पथ पर चलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में प्रस्तुत भावपूर्ण भजनों व प्रवचनों की शृंखला ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम को समाचार पत्रों जैसे दैनिक सवेरा, सिरसा केसरी, दैनिक जागरण इत्यादि में विशेष रूप से उल्लेख प्राप्त हुआ। उपस्थित श्रद्धालुओं व अतिथियों ने संस्थान के सामाजिक प्रकल्पों व आध्यात्मिक कार्यक्रमों की अत्यधिक सराहना करते हुए संस्थान के ईमानदार प्रयासों के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया।