दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 6 नवंबर, 2022 को नवनात केंद्र, हेस, लंदन, यूनाइटेड किंगडम में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुई। डीजेजेएस के स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की ओर दर्शकों का ध्यान विशेष तौर पर आकर्षित किया। भारतीय ग्रंथ रामायण से भक्तमती माता शबरी के प्रेरक आध्यात्मिक जीवन पर एक नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जो गुरु वचनों पर दृढ़ विश्वास व अटल संकल्प का एक सुंदर प्रस्तुतिकरण था। गुरु वचनों पर अंनत श्रद्धा व विश्वास ने ही माता शबरी को इतने लंबे समय तक भगवान राम के आगमन की प्रतीक्षा करने में मदद की।

गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी कि शिष्या साध्वी भक्ति प्रिया भारती जी ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेजोड़ व अतुलनीय है। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो 'विविधता में एकता' और 'वसुधैव कुटुम्बकम - विश्व एक परिवार' की अवधारणा में दृढ़ता से विश्वास करता है।
उन्होंने आगे कहा कि पूरे संसार में भारत को आध्यात्मिक ज्ञान के स्रोत के रूप में जाना जाता है। अध्यात्म भारत की आत्मा है और कई अशांत, उद्विग्न जीवात्माएं शांति और शाश्वत सुख पाने के लिए भारत आती हैं। आध्यात्मिकता में सबसे महत्वपूर्ण है अपने जीवन का प्रमुख उद्देश्य जानना व उसे खोजना। प्राचीन भारतीय ग्रंथ जैसे वेद और उपनिषद, रामायण, महाभारत, भगवद गीता न केवल हमें नैतिकता और श्रेष्ठ जीवन मूल्य सिखाते हैं, बल्कि आध्यात्मिकता के पर्मोत्तकर्ष तक कैसे पहुंचा जाए, यह मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

भारतीय शास्त्रों के अनुसार, एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु को खोजने के लिए कड़ा परिश्रम करना चाहिए जो एक जिज्ञासु को ब्रह्मज्ञान का महान आध्यात्मिक विज्ञान प्रदान कर सके| ऐसा ज्ञान जो शास्त्रों के अनुसार उस आनंद और शांति के चिरस्थायी स्रोत- सर्वशक्तिमान भगवान को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है। डीजेजेएस भारत की उसी सनातन वैदिक परंपरा को पूज्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से आगे बढ़ा रहा है।
कई विशिष्ट अतिथियों ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जैसे - श्री जॉन मैकडॉनल्ड - संसदीय सदस्य (लेबर पार्टी), सुश्री तृप्ति पटेल - अध्यक्ष (हिंदू फोरम ब्रिटेन), सुश्री बन्दना चोपड़ा - पार्षद (लंदन बरो के हाउंस्लो) और स्वामी सूर्य जी - यूके समन्वयक (ब्रह्म ऋषि मिशन यूके)।
इस आयोजन ने यूके के लोगों के लिए भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का सफलतापूर्वक प्रसार किया। हमें विश्वास है कि हमारा यह महान देश 'भारत' निश्चित रूप से पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिकता का केंद्र बना है और आगे भी बना रहेगा।