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संस्थान की मानसा शाखा ने मानसा, पंजाब में गुरबाणी कीर्तन व समागम का आयोजन किया| इस धार्मिक समागम में गुरबाणी के सुंदर अर्थों को प्रस्तुत किया गया| संस्थान की ओर से भाई गुरप्रीत सिंह जी, भाई हरि सिंह जी और भाई तरुणदीप सिंह जी ने शबद गाए| इस अवसर पर विचार देते हुए भाई गुरुदेव सिंह जी ने गुरबाणी के आधार पर गुरु के महत्व को समझाया| उन्होंने बताया कि महापुरुषों के अनुसार ये आँखें बाहरी भौतिक जगत की हैं| ऐसे में भगवान और उनके उपदेशों को भी सही प्रकार से नहीं समझ पाती| जब गुरु हमें तृतीय नेत्र प्रदान करते हैं, फिर एक इंसान अपने लक्ष्य परमात्मा को पाकर हमेशा के लिए बंधनों से मुक्त हो जाता है| इसलिए ज्ञान द्वारा दिव्य दृष्टि देने वाले गुरु की इंसान को जरूरत है| इस मौके पर भाई रविन्द्र सिंह जी ने भी विचारों द्वारा मार्गदर्शन किया| कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए| वहीँ गुरमेल सिंह ठेकेदार एम सी, गुरदीप सिंह दीपा एम सी, मोहण सिंह, मास्टर राजदीप सिंह सिद्धू व सामजिक व धार्मिक संस्था के सदस्य भी उपस्थित रहे| पंजाब केसरी अखबार ने इस कार्यक्रम की coverage  भी की|

Spiritual Gathering for Gurbani Enticed the Masses at Mansa, Punjab

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