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“I don’t fit in”, “I am not cool”- ऐसे कई बातें आज के यूवाओं के मन में घर कर चुकी हैं।

To fit into the world, don’t give into drugs! - Bodh, DJJS

किशोरावस्था एक ऐसी उम्र है जिसमें आदतें अवेम सोच  को  बदलना सबसे आसान  है। इस अवस्था में युवाओं का रुझान नई जीवन शैली की ओर बढ़ता  है , वह शैली जो की दूसरों की जीवन से प्रभावित होती है और वह उसमें ढलने का प्रयत्न करते हैं। उन्हें लगता है की उस जीवन शैली अपनाने से उन्हें उनके दोस्त “कूल" समझने लगेंगे  परंतु इस आधी अधूरी समझ और समाज में अपनी “कूल इमिज” बनाने  की दौड़ में वह इतने उलझ जाते हैं की  उनके पास सही और ग़लत के बीच अंतर समाखने का समय ही नहीं  होता।

आधुनिक दृश्य को देखा जाए तो यह एक मुख्य कारण है की “DRUGS”, “CIGARETTES" और “ ALCOHOL”  जैसे अनेकों शुरुवाती नशों ने बहुत आसानी से युवाओं  की जीवन शैली में अपनी जगह बना ली है।युवा अवस्था में बच्चे अत्यंत सस्ङ्कार ग्राही  होते है इसलिए हर छोटी बढ़ी स्थिति को लेकर अत्यंत उत्साहित रहते हैं। और यही अनियंत्रित उत्सुकता उन्हें नशीले पदार्थों की ओर बेहद आसानी से  ले जाती है। “E-Cigerattes" के साथ साथ  तकनीकि उन्नति की एक और देन  है ,”SOCIAL MEDIA”की  लत जो की बहुत बड़े स्तर पर  हमारे देश के अनेकों युवाओ व छात्रों को  मानसिक , शारीरिक एवं भावनात्मक  स्तर पर हानी पहुचाँ रही है  ।

To fit into the world, don’t give into drugs! - Bodh, DJJS

इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए दिव्य  ज्योति जग्रति संस्थान  के अन्तर्गत बोध कार्यक्रम`भ्राट के लगभग 12 राज्यों के  युवाओं के संग  अथवा  सपूर्ण भारत देश के बेहतर भविष्य के लिए कार्यरत है। और इस कार्य को करने के लिए हम स्कूलों, कॉलेजों एवं अन्य शिक्षा संस्थानो  मे "Say No " नामक कार्यशाला का आयोजन करता है |

इन, “SAY NO WORKSHOPS" के  माध्यम से छात्रों को नशीले पदार्थों से होने वाले घातक परिणामों से अवगत कराया जाता है। साल 2020 के जनवरी माह मे भारत व नेपाल के 50 से अधिक विद्यालों एवं कॉलेज में की गई है। इस कार्यक्रम में विभिन प्रकार की नाटिकाओं , भाषणों एवं बैले द्वारा छात्रों  और स्कूल  के  शिक्षकों  को प्रोत्साहित किया जाता है की वे हर परिसतिथी मे   नशे के प्रलोभन को नकार दे। उन्हें अपने और उनके परिवार  के  हित  में सही एवं मतपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए सूचित निर्णय लेने हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है | इन कार्यक्रमों का उद्देश्य केवल लोगों को ड्रग्स के हानिकारक परिणामों से अवगत कराना  ही नहीं  अपितु  उन्हें नशे से बचने के तरीक़े व नशा मुक्ति के विकल्पों  से परिचित भी करना होता है । छात्रों एवं युवाओ को ऐसे जीवन शैली  एवं आत्मनिरीक्षण के विकल्पों के सुझाव दिए जाते हैं  जिससे की वे अंदरूनी परिवर्तन महसूस कर सके ।

जनवरी माह में बोध, डी.जे.जे.एस.  रकों ने 50 से अधिक स्कूलों मे “SAY NO  WOKRKSHOPS” के द्वारा   19,361  से भी अधिक छात्रों एवं स्कूल के कर्मचारियों को नशे के विनाशकारी परिणामों  से परिचित  कराया ।

1. जोधपुर , राजस्थान : कार्यक्रम  में 60  से भी ज़्यादा छात्र और स्कूल के करमचारियों ने भाग लिया और उन्हें नशे से होने वाली परेशनीयों से परिचित कराया गया । साथ ही साथ शिक्षकों को यह सलाह दी गयी की वे छात्रों के व्यवहार में आने वाले परिवर्तन का ध्यान रखें जो की बहुत बार नशे करने से आ जाता  है । यदि सही समय पर उन्हें मदद मिल सके तो बच्चे किसी भी बुरी आदत से बच सकते हैं ।

2. मेरठ, उत्तर  प्रदेश : डी.जे.जे.एस  के कार्यकर्ताओं  के द्वारा भगवती कॉलेज के 460 छात्र और स्कूल के करमचारियों को नशे  के कुप्रभावाओं पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओ के द्वारा ने इस बात पर ज़ोर दिया गया की हर व्यक्ति को अपने लिए बुद्धिमत्ता से नशे से दूर रहने का निश्चय करना  चाहिए। छात्रों को नशे एवं स्मार्ट फ़ोन की लत के कारण मानसिक और शारीरिक बीमारीयों के बारे  में भी बताया गया ।

3. बरेली , उत्तर प्रदेश : Sai Datta Ram Dingra Inter College and Maharaja Agrasen Inter College , ke  लगभग 225 छात्रों से कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम के द्वारा बातचीत की। विध्यर्थीयों एवं शिक्षकों ने उत्साहपूर्ण भाग लिया और संस्थान के वक्ताओ के साथ अपनी समस्याओं  पर विचार विमर्श किया | वक्ताओ ने उन्हें समझाया की युवाओं के लिए नशे की पकड़ में आना केवल आसान ही नहीं अपितु देश और उनके भविष्य के लिए सबसे अधिक विनाशकारी है  है । उन्हें नशा मुक्ति के विकल्पों से परिचित कराया गया।

4. गोरखपुर, उत्तर प्रदेश : 14   से  21 जनवरी 2020 के मध्य , 9 स्कूल  और  कॉलेज  में  1700   से अधिक  छात्रों ने इन कार्यक्रमों में भाग लिया । कई बैले एवं नाटिकाओं को प्रस्तुत किया गया जिससे की शिक्षकों और छात्रों  को यह समझाया जा सके की किसी भी तरह का तनाव नशा करने से दूर नहीं  होता किंतु और मुश्किलों को बुलावा देता है । ब्रह्म ज्ञान  और ध्यान किस प्रकार सहायक है एक स्वास्थ और ख़ुशहाल जीवन के लिए इसके बारे में भी श्रोताओं को संक्षेप में बताया गया।

1)  Junior High School, Khukhundu Bazaar, District- Deoria

2)  Lt. Kandhai Lal Lord Buddha Public School, Sueya, Sirisiya, District- Shrawasti

3) Abu Ashim Azami Inter College, Vazirganj, Parsauna, District- Shrawasti

4) Baba Jabdahawa Inter Collage, Ghorhauriya, District- Shrawasti

5) Shri Shankar Narvadeshwar Adarsh Inter College, Birzapur Jhantaur

6) Adarsh Shiksha Niketan, Majhawaliya, District- Deoria

7) Gautam Buddha Mishan School, Dumariya, District- Deoria

8) Shiva Ji Inter College, Khukhundu Bazaar, District- Deoria

9) Saraswati Academy, Saraya, District- Deoria

5. वाराणसी, उत्तर प्रदेश : “Say  No Workshop” का आयोजन वाराणसी के 6 स्कूल और कॉलेज में किया गया।इस  कार्यशाला द्वारा  4000 छात्र और अध्यापकों को नशे की लत लग जाने पर देश और समाज और स्वयं के स्वास्थ पर बुरे प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया  गया ।इन कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक आयोजित करने कि लिए डीजेजेएस की विभिन्न शाखाओं ने कार्य  किया और छात्रों ने हर प्रकार के नशे  से दूर  रहने की प्रतिज्ञा ली ।

1) Tathagat Vihar School, Chandmari

2) Rameshwaram Mahadev Balika Inter College, Chandmari

3) Gyanoday Balika Inter College

4) Raj Convent School, Chandmari

5) Gyandeep School, Chandmari

6) CMG School, Chandmari

6. जगाधरी , हरियाणा : Guru Nanak Khalsa College में 140  लोगों को संभोदित करते हुए डी.जे.जे.एस के स्वयंसेवकों एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें नशे  के कारण होने वाली बहुस्तरिए समस्याओं के बारे में बताया।

शिक्षकों को छात्रों  के  व्यवहार में  अचानक आने वाले परिवर्तनों के बारे में सूचित रहने की सलाह दी गयी । जिससे  की यदि वे परिवर्तन नशे या किसी भी लत के संकेत हो तो उन छात्रों को पूरी तरह नशे में फँस जाने से पहले बचाया  जा सके।

7. सिरसा , हरियाणा : 4 स्कूल  में  1365 से अधिक छात्रों ने इन कार्यक्रमों में भाग लिया और प्रचारकों द्वारा उन्हें drug addiction के कुप्रभावाओं अन्यथा  दिन प्रति  दिन बढ़ते  “Social  media” की लत  से भी अवगत कराया गया।विध्यर्थीयों एवं शिक्षकों ने इस  कार्यक्रम  में उत्साहपूर्ण भाग लिया और प्रचारकों से कई प्रकार की समस्याओं पर भी  बात की।

1)  Sarvpali Public School, Ellenabad

2) Maa Jiwan Kids School, Ellenabad

3) Nivedita Senior Secondary School, Ellenabad

4)  Sir Chotu Ram Jat Senior Secondary School, Ellenabad

8. कोटकपुरा, पंजाब : कोटकपुरा के Vishavkarma Senior secondary school और Baba Banda Bahadur college of nursing में 800 बच्चों को नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक तथा व्यावहारिक गशप्रभावों से अवगत कराया  गया। पंजाब में युवाओं में दिन बार दिन बढ़ती नशे की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए , युवाओं को सटीक जनकारो देना अनिवार्य  है। इसके लिए बोध की “ SAY NO WORKSHOP” नाटिकाओं और भाषणों द्वारा बच्चों एवं उनके शिक्षकों को विस्तार में जानकारी दी गयी। उन्हें किस तरह से नशीले पदरथाओं के सेवन से दूर रहना चाहिए इसकी भी जानकारी दी गयी।

9. काठमांडू, नेपाल : 14 स्कूलों में इस  कार्यशाला  के माध्यम से छात्रों और स्कूली कर्मचारियों को सटीक व विस्तृत जानकारी दी गयी की किस प्रकार वे ना केवल नशे से बच सकते  है , साथ ही साथ वे अपने परिवार या समाज के अन्य लोग जो पहले से ही नशे से ग्रसित है उनकी भी सहायता कर सकते हैं।

1)   Anshu Varma Madhyamik Vidhyalaye, Bardiya, Jayanagar                                   

2) Shree Janta Domi Choudhary School, Lahan,Siraha

3)  Sada Shiv Multiple Campus,Jayanagar, Bardiya                                         

4) Famous Unique English  Medium School,Jayanagar ,Bardiya

5)  Patriot English Medium School,Jayanagar,Bardiya

6)  Shree Janapriya Basic School, Jayanagar,Bardiya

7)  The Voice Academy, Jayanagar, Bardiya

8) Aadrash Vidya Mandir, Barhathawa, Sarlahi

9)  Education Home Higher Secondary School, Barhathawa

10) Shree Janajagrati Primary School, Shankarpur, Sarlah

11) Shree Jwalamukhi Educational Academy, Fulbari Lahan, Siraha

12) Shree Rama Mahanthi Yadav Janta Higher Secondary School ,Sitapur,Siraha

13) Shree Sarswati Secondary School,Sitganga,Argakhachi

14)   Shree Radhakrishna Boarding School, Lahan, Siraha


यदि आप अपने स्कूल, कॉलेज या संस्थान में विभिन्न प्रकार के नशीली पदार्थों के सेवन, तनाव प्रबंधन, सहकर्मी और सामाजिक दबाव से निपटने, मोबाइल की लत एवं ध्यान सत्र जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित "SAY NO WORKSHOPS" करवाना चाहते अथवा   अन्य कार्यों हेतु  हमारे साथ जुड़ना  चाहते है तो  आप हमसे संपर्क कर सकते है  -

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