दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने द्वारा 20 मई से 26 मई, 2018 तक द्वारका, दिल्ली में सात दिवसीय “श्री राम कथा” का आयोजन किया। सर्व श्री आशुतोष महाराज जी कृपा से समाज को पुनः सुसभ्य व मर्यादित करने हेतु भगवान श्री राम के सर्वोच्च चरित्र और आदर्शों को कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। अर्थपूर्ण रचनाओं के सुमधुर भक्ति संगीत ने इस दिव्यता में एक नए आयाम को रखा। राम राज्य में निहित आध्यात्मिक, राजनैतिक व सामजिक अनेक पक्षों के रहस्यों को उजागर किया गया। संस्थान प्रचारक व स्वयंसेवकों के अथक प्रयास ने इस आयोजन को उसकी परिणिति तक पहुँचाने में प्रशंसनीय सहयोग प्रदान किया।
सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री पद्महस्ता भारती जी ने श्री राम कथा का वाचन करते हुए श्री राम जीवन लीला में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को रखा। साध्वी जी ने समझाया कि श्री राम मानवता व मर्यादा के अवतार है। वे निष्ठावान पुत्र, आदर्श पति, विश्वसनीय मित्र व दयालु शासक है जो सदैव समाज के कल्याण हेतु सशक्त स्तम्भ बने रहे। उन्होंने अपने चरित्र द्वारा जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए भी सत्य व आध्यात्मिक मूल्यों की रक्षा का सूत्र दिया। श्री राम ने अपने जीवन काल में कठिन से कठिन समय में भी श्रेष्ठ निर्णय ले मानवता के आदर्श को स्थापित किया।
साध्वी जी ने भगवान राम व भक्त हनुमान की गाथा का वर्णन करते हुए गुरु शिष्य सम्बन्ध के गूढ़ व मार्मिक तथ्यों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। भक्त हनुमान ने अपने चरित्र से गुरु के प्रति एक शिष्य की निष्काम सेवा के अर्थ को साकार किया है। साध्वी जी ने अनेक प्रमाणिक शास्त्रों का उल्लेख करते हुए बताया कि एक पूर्ण सतगुरु भारतीय संस्कृति की सनातन पद्धति “ब्रह्मज्ञान” द्वारा एक शिष्य को दीक्षित कर आत्मिक स्तर पर जागृत करते है।
शिष्य के जीवन में दिव्यता को जागृत करने के लिए सतगुरु एक मार्गदर्शक, मित्र व अभिभावक की भूमिका को भी निभाते है। एक साधक ब्रह्मज्ञान द्वारा अपने भीतर ईश्वर के प्रकाश रूप का ध्यान कर परम शांति का अनुभव करता है। इस पद्धति द्वारा मानव अपनी ऊर्जा को न्याय परायण और नैतिक कार्यों के उन्मुख कर पाता है।
साध्वी जी ने कथा के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को सर्व श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा ब्रहमज्ञान प्राप्त करने हेतु आमंत्रित किया। भगवान श्री राम की लीला रहस्यों को सुन लोगों में अध्यात्म के प्रति बढ़ते रुझान ने कार्यक्रम की सफलता को सिद्ध किया।
