कौन उठा सकता है भगवान आशुतोष को समाधि से? | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

कौन उठा सकता है भगवान आशुतोष को समाधि से?

वक्त है आया ऐतिहासिक वीरों जैसे बलिदान का,

कार्यक्षेत्र में ध्यान रहा है जिन्हें गुरु के मान का।

भक्ति भाव से ओत-प्रोत हो कुछ तो ऐसा कर जाएँ,

सच्चे शिष्य बनकर के हम विजय पताका लहराएँ।


गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रेरित ये पंक्तियाँ हमारे सोए हुए शिष्यत्व को जागरण का नाद सुना रही हैं। उसे झकझोर कर उसके हाथों में विजय-ध्वजा थमा रही हैं। एक सच्चे शिष्य की पहचान बता रही हैं। क्या है यह पहचान? आइए, इसे... जानने के लिए हम एक पौराणिक पात्र के जीवन-दर्पण में झाँकेंगे।

यह पात्र है- भगवान शिव का वाहन, गणों में परम गण- नंदी बैल! ... नंदी तीन आँखों वाला त्रिशूलधारी गण है।... 'त्रिशूलधारी' माने जिसकी इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना- तीनों नाड़ियाँ जागृत शिष्य का प्रतीक है। ऐसा शिष्य, जो अपने गुरु का वाहन बना... जिसने अपने गुरु को समाधि से जगाया...!

कैलाश की बर्फीली चोटियाँ!... बाघम्बर... पर महादेव शंकर ध्यानस्थ थे। धीरे-धीरे यह ध्यान गहन समाधि में विलीन हो गया। इतने में, मलंगी में झूमता हुआ महादेव का परम गण- नंदी आया। नंदी में विचार उठा- 'किसी उच्च लक्ष्य हेतु मेरे प्रभु आशुतोष समाधि में स्थित हैं। मुझे भी सहयोग देना चाहिए। ... यही विचार कर नंदी ने महादेव शंकर के समक्ष धरा पर एक आसन बिछाया।... साधना में बैठ गया। साधना के प्रताप से उसके ह्रदय का सूक्ष्म तार महादेव की ब्रहमचेतना से जुड़ गया। एक तार, निर्बाध और अटूट जुड़ाव था यह!

कुछ समय बाद... एक अनहोनी घटी! दुष्ट जालंधर... छल-बल से महादेव की भार्या देवी पार्वती का अपहरण करके ले गया।... देवगण और शिव-गण घोर चिंता से व्याकुल हो उठे।... श्री गणपति ने उन्हें उठाने के भरसक प्रयत्न किए। पर विफल रहे। ... विवेक के देवता श्री  गणपति को युक्ति सूझी। उन्होंने ... ध्यान में लीन नंदी के सारी दुर्घटना कह दी। इधर नंदी के कान में सूचना गई, उधर भगवान के नेत्र उन्मीलित हो गए।

महादेव समाधि से उठ गए।...

भला ऐसा कौन-सा गुण है इस शिव-गण नंदी में, जो भगवान ने स्वयं को समाधि से उठाने का श्रेय उसे दिया? ये सब पूर्णत: जानने के लिए पढ़िए जुलाई'१५ माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका...

Need to read such articles? Subscribe Today