रोबोट बना मानव या मानव बना रोबोट! | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

रोबोट बना मानव या मानव बना रोबोट!

अक्षय- (यू.एस.से अपने पापा के साथ वट्स-एप चैट करते हुए)- हैल्लो पापा!
पापा- अक्षय बेटा, कैसा है तू?

अक्षय- सॉरी पापा, आपके मैसेज का जवाब थोड़ा देर से दे रहा हूँ...

पापा- आज तो रविवार है... मुझे लगा तेरे ऑफिस की छुट्टी होगी...

अक्षय- ऑफिस तो बंद था आज। पर पापा, आपको मालूम है, मैं कहाँ घूम कर आया?

पापा- ज़रूर कोई नए गैजेट्स निकले होंगे... या फिर नई कार... तू इन्हीं चीजों के तो इर्द-गिर्द घूमता है...

अक्षय- ग्रेट पापा! आप मुझे कितनी अच्छी तरह जानते हैं... आज मैं एक रोबोट एक्सपो में गया था। ओ माई गॉड पापा, मैं आपको क्या बताऊँ...

... 
...मेरा बस चले तो मैं सारे रोबोट खरीद लूँ। फिर वे ही मेरा सारा काम करेंगे। आह! क्या सुखद दिन होंगे वे... रुको पापा, मैं आपको वहाँ की कुछ फोटो भेजता हूँ... (फोटो भेजकर) यह जो सबसे पहली फोटो में हरे रंग का रोबोट है- यह ड्राइवर-रोबोट है यानी कार चलाने के लिए बिल्कुल फिट। अपने आप ही बैस्ट रास्ता लेता है, स्पीड व डीज़ल- सबका  ध्यान रखता है।...

पापा- अरे वाह अक्षय! प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद जब तू भारत वापिस आएगा, तो अपने लिए यह ड्राइवर-रोबोट वाली कार भी ले आना।...

अक्षय- अब आगे की फोटो दिखाता हूँ... ये सारे रोबोट भी एक से बढ़ कर एक हैं। अब जल्द ही ऐसा समय आने वाला है

 कि- घूमने जाओ, तो रोबोट-टूरिस्ट गाइड; बोर हो रहे हों, तो रोबोट द्वारा मनोरंजन; रेस्तरां में जाओ, तो फास्ट और बढ़िया

सर्विस देने वाले रोबोट-वेटर... है न हाई-टैक युग पापा!...

पापा- J
...
अक्षय- रुकिए पापा, आपको एक छोटी सी वीडियो भेजता हूँ... देखा आपने- अब वृद्धों की देख-रेख करने के लिए भी रोबोट आ रहे हैं।... आज के युग में, जब इंसान की ज़िन्दगी इतनी भाग-दौड़ भरी है; ऐसे में, बुज़ुर्गों के लिए रोबोट मिल जाए, तो ऐसा है जैसे 'अलादीन के चिराग का जिन्न' मिल गया!...

पापा- 
अक्षय- पापा क्या हुआ? मेरा फोन तो आपको ऑनलाइन ही दिखा रहा है। फिर आप बात करते-करते कहाँ चले गए?...

पापा???
पापा- तू ठीक कह रहा है, अक्षय! ये रोबोट हम जैसे बूढ़े लोगों के लिए बहुत सुखदायी होंगे।... तूने अभी थोड़ी देर पहले

ही तो लिखा था कि मैं तुझे अच्छी तरह पहचानता हूँ। है न...

अक्षय- जी पापा!

पापा- पर सोचा है, क्यों पहचानता हूँ?...

...
आज रोबोट को इंसान के जैसा बनाते-बनाते कहीं इंसान रोबोट तो नहीं बन गया है? जानने के लिए पूर्णतः पढ़िए दिसम्बर'16 माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका।

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