पंचदिवसीय उल्लास-दीपावली | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

पंचदिवसीय उल्लास-दीपावली

हम सभी जानते हैं कि अमावस्या की अंधेरी रात को हर्षोल्लास से भरा दिवाली पर्व मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन प्रभु राम आसुरी शक्तियों का वध करके अयोध्या लौटे थे। सांकेतिक अर्थ यही है कि जीवन की दु:ख भरी काली रात्रि में जब ईश्वर का पदार्पण हो जाता है, तो हर अशुभ घड़ी शुभ में परिवर्तित हो जाती है।


दीपावली का यह दिन अन्य अनेक शुभ कारणों को भी लिए हुए है-


• इस दिन न केवल प्रभु राम रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे, अपितु इसी दिन तेरह साल बाद पाण्डवों का हस्तिनापुर लौटना हुआ था।


• भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप धारण कर इसी दिन हिरण्यकशिपु का वध किया था।


• इसी दिन उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था।


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दीपावली का यह दिन अन्य अनेक शुभ कारणों को लिए हुए भी है। इन सभी कारणों और  इनके पीछे छिपी प्रेरणा को पूर्णतः जानने के लिए पढ़िए नवम्बर'20 माह की अखण्ड ज्ञान हिन्दी मासिक पत्रिका।

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