करो चौथ इस करवा-चौथ! | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

करो चौथ इस करवा-चौथ!

इस माह दीपावली के साथ एक और त्यौहार भी घर-आंगन में दस्तक दे रहा है। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला यह पर्व है करवा-चौथ का। भारतीय पर्व परंपरा में यह एक ऐसा त्यौहार है जो पति-पत्नी के संबंध का परिचायक है। करवा-चौथ के दिन पतिव्रता स्त्रियाँ अपने पति के कुशलक्षेम व दीर्घ आयु के लिए व्रत रखती हैं। सूर्योदय से पूर्व तारों की छाँव में सर्गी खाने के पश्चात् इस उपवास का प्रारंभ होता है। व्रतधारियाँ पूरा दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं करतीं। रात को चंद्रमा का दर्शन करने व उसको जल अर्पित करने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। उसके बाद ही स्त्रियाँ जल तथा अन्य खाद्य पदार्थ ग्रहण करती हैं।

पर भारतीय संस्कृति के अंतर्गत मनाए जाने वाले पर्व व व्रत मात्र बाहरी परंपराओं तक ही सीमित नहीं होते। उनके मध्य आत्मोन्नति हेतु विराट व गूढ़ संदेश निहित होते हैं। यदि पर्वो में निहित उन मार्मिक संदेशों को न समझा जाए, तो पर्वो की परम्पराएँ मात्र अंधप्रथाएँ बनकर रह जाती हैं। उनकी वास्तविक गरिमा कहीं लुप्त हो जाती है।

करवा चौथ के त्यौहार में छिपे मर्म को पूर्णतः जानने के लिए पढ़िए नवम्बर'20 माह की हिन्दी अखण्ड-ज्ञान मासिक पत्रिका। 

Need to read such articles? Subscribe Today