मनोवैज्ञानिक प्रयोगों पर भारी पड़ा अध्यात्म! | Akhand Gyan | Eternal Wisdom

मनोवैज्ञानिक प्रयोगों पर भारी पड़ा अध्यात्म!

इंसान का मन, उसकी सोच, उसके विचार, उसका  व्यवहार- मानव अस्तित्व के इन पहलुओं में और गहरे गोते लगाने के लिए मनोवैज्ञानिक समय- समय पर शोध तथा प्रयोग करते रहे हैं। ये अनुसंधान इन पक्षों से सम्बन्धित समस्याओं पर निःसन्देह प्रकाश डालते हैं, लेकिन अक्सर ठोस समाधान देने में असमर्थ सिद्ध होते हैं। और हर बार की भाँति अध्यात्म मनोविज्ञान से श्रेष्ठ सिद्ध होता है। वह न सिर्फ इन पहलुओं को बेहतर तथा उच्चतर स्तर पर उजागर करता है, बल्कि अकाट्य समाधान भी हमें प्रदान करता है। इस बात को हम ... कुछ अनुसंधानों से बखूबी समझ सकते हैं।

क्षणिक सुख बनाम चिर आनंद...

प्रभावित होना बनाम प्रभाव छोड़ना...

माँगना बनाम पाना...

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क्या है ये उपरोक्त  सभी अनुसंधान??? कैसे मनोवैज्ञानिक प्रयोगों पर भारी पड़ा अध्यात्म? ये सब पूर्णत: जानने के लिए पढ़िए अप्रैल'२१ माह की हिन्दी अखण्ड ज्ञान मासिक पत्रिका!

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