समाज में इतनी अशांति और उथल-पुथल के बीच, पीस प्रोग्राम ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में एक मेगा फेस्ट, "ध्यान: द अल्टीमेट गेम चेंजर! हर कदम जीत की ओर!" का सफलतापूर्वक आयोजन किया। पीस प्रोग्राम दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) का कॉर्पोरेट वर्कशॉप विंग है।

इस आयोजन से पहले, अप्रैल 2025 में PEACE, DJJS द्वारा एक सर्वे किया गया, जिसका उद्देश्य कॉर्पोरेट्स और युवाओं में तनाव के स्तर को जांचना था। इस सर्वे में 300 प्रतिभागियों को तीन समान ग्रुप्स में बाँटकर तनाव प्रतिशत, मूड की स्थिति और निर्णय क्षमता का परीक्षण किया गया। इसके परिणामस्वरूप कुछ चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए:
Non-Meditators:

No Stress (70%); Medium Stress (26%); High Stress (4%)
Meditators:
No Stress (92%); Medium Stress (8%); High Stress (0%)
इन परिणामों के आधार पर, संस्थान के प्रतिनिधियों ने "ध्यान" पर एक विशेष आयोजन करने का निश्चय किया। कार्यक्रम में सनातन ध्यान के शाश्वत विज्ञान को एक्सपेरिमेंट्स, मानव मॉडल्स और गूढ़ अथवा रोचक गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में शामिल हुए – CEOs, कॉर्पोरेट लीडर्स, HODs, AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स, विख्यात विश्वविद्यालयों के कुलपति, तिहाड़ जेल के उच्च अधिकारीगण, और अन्य गणमान्यजन।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ जिन्होंने सबको प्रभावित किया:
सत्र 1: “कपि-चित्त से कपीश – टेमिंग द मंकी माइंड”
साध्वी डॉ. निधि भारती जी, प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर, पीस प्रोग्राम, द्वारा प्रस्तुत इस सत्र में बताया गया कि कैसे हमारा चंचल मन निरंतर विचारों, विकारों और भावनात्मक अस्थिरता का कारण बनता है। साध्वी जी ने बेहद मार्मिक ऐक्टिविटीज़ के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार ब्रह्मज्ञान ध्यान मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और निर्णय क्षमता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
सत्र 2: “लहरा दो – लिविंग टाइमलेस भारतीय वैल्यूज़”
साध्वी मणिमाला भारती जी, फैसिलिटेटर, पीस प्रोग्राम, द्वारा प्रस्तुत इस संगीतमय सत्र में दर्शाया गया कि कैसे भारत के सनातन धर्म में निहित शाश्वत मूल्य प्रणाली को ब्रह्म ज्ञान ध्यान के माध्यम से आत्मसात किया जा सकता है। इसमें पृथ्वीराज चौहान, भगत सिंह और रानी पद्मावती जैसे राष्ट्रीय आदर्शों से प्रेरणा लेकर आज के व्यक्तियों में उन मूल्यों को पुनः जाग्रत करने का बहुत सुंदर प्रयास किया गया।
सत्र 3: “हर एक पल सुहाना होता है – अनलॉकिंग इनर ब्लिस @ आत्मन्”
यह सत्र साध्वी तपेश्वरी भारती जी, प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर, पीस प्रोग्राम, द्वारा लिया गया। इसमें उन्होंने सनातन ब्रह्मज्ञान ध्यान के अभ्यास से मिलने वाली आंतरिक शांति और आनंद के विषय में गहराई से बताया। इसमें लाइव वैज्ञानिक प्रयोगों और मानव मॉडल्स के माध्यम से ब्रह्मज्ञान ध्यान के पहलुओं को समझाया गया, जैसे- अन्तर्जगत की दिव्य अनुभूतियाँ, तृतीय नेत्र (दिव्य चक्षु) का जागरण, और उच्च चेतना का विकास।
विशेष माइम एक्ट: “सोच में गड़बड़ी से मेंटल मास्टरी”
PEACE, DJJS की इन-हाउस टीम द्वारा एक हास्यपूर्ण और प्रेरक माइम प्रस्तुति की गई, जिसमें आधुनिक प्रोफेशनल्स की मानसिक अव्यवस्था को प्रतिबिंबित किया गया और ब्रह्मज्ञान ध्यान के विज्ञान को एक अचूक परिवर्तनकारी समाधान के रूप में दर्शाया गया।
समापन सत्र: “हैप्पीनेस डांस जैम”
कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में PEACE, DJJS की युवा डांस टीम द्वारा एक जोशीला “हैप्पीनेस डांस” प्रस्तुत किया गया, जो बॉलीवुड बीट्स और भक्ति धुनों का अनुपम संगम था। इस सत्र ने भारत मंडपम के भव्य ऑडिटोरियम को एक आध्यात्मिक उत्सव के डांस फ्लोर में बदल दिया!
वर्तमान समय में यह कार्यक्रम बेहद प्रासंगिक सिद्ध हुआ, जिसने व्यक्तिगत तथा वैश्विक शांति की दिशा में एक अहम भूमिका निभाई।
भारत मंडपम की कलात्मक भव्यता और रमणीय वातावरण में यह कार्यक्रम एक साधारण वर्कशॉप नहीं, बल्कि एक स्पिरिचुअल रिट्रीट, आध्यात्मिक उत्सव और जीवन की आपाधापी से एक ताज़गीभरा अवकाश सिद्ध हुआ!
प्रतिभागियों ने दिल से अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं, जो इस कार्यक्रम की गहराई और परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाती हैं:
“यह केवल एक सत्र नहीं था, यह एक जागृति थी। मैं अब हल्का, स्पष्ट और फोकस्ड महसूस कर रहा हूँ।” – HOD, मेडिकल संस्था
“प्राचीन ज्ञान को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना अद्भुत था। अब मुझे समझ में आया कि ध्यान वास्तव में क्या है।” - HR Manager
“मैंने न जाने कितने सेमिनार अटेंड किए हैं, लेकिन यह अनुभव बिल्कुल अलग था। इसने मेरी आत्मा को छू लिया और मेरी सोच को एक नई दिशा दी।” – एसोसिएट प्रोफ़ेसर, DU
“आज जब टीवी पर युद्ध के दृश्य डरावनी तस्वीरें पेश करते हैं, मानवता विनाश के कगार पर खड़ी दिखती है; ऐसे में यह कार्यक्रम समय की आवश्यकता सिद्ध हुआ – न केवल व्यक्तिगत शांति के लिए, बल्कि वैश्विक सामंजस्य के लिए भी।” – CEO
निस्संदेह, “ध्यान - द अल्टीमेट गेम चेंजर!” एक अत्यंत सफल आयोजन रहा – प्राचीन विज्ञान, विवेक, और अनुभवजन्य प्रेरणाओं का अद्भुत संगम, जिसने हर प्रतिभागी के हृदय पर अमिट छाप छोड़ी।