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अक्सर हमने कई बार सुना है कि एक आदमी को शिक्षित करके केवल राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे राष्ट्र को शिक्षित किया जा सकता है I किन्तु इसको अस्तित्व में लाना समय की मांग है I हम देश की महिलाओं को शिक्षित किये बिना एक विकसित राष्ट्र की रचना नहीं कर कर सकते I भारतीय इतिहास प्रतिभाशाली इतिहास से भरा हुआ है I इसमें महिला दार्शनिक जैसे गार्गी, मैत्रय, विसबाबरा और मीराबाई, लक्ष्मीबाई आदि शामिल हैं I एक शिक्षित महिला अपने कर्तव्यों और अधिकारों से परिचित होती है I पुरुष और महिलाएं दोनों समाज में दो समान पहिये की तरह समानांतर चलते हैं I इसलिए दोनों देश के विकास एवं प्रगति के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं I

Be the change you wish to see in the world – a new Adult Literacy Center

देश के पूर्णरूपेण निर्माण में एक छोटे से सहयोग के रूप में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामाजिक प्रकल्प मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र में करीब तीन वर्षों से “स्याही” नामक प्रौढ़ शिक्षा केंद्र का संचालन किया जा रहा है जिसमें 21 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मूल विषय जैसे हिंदी भाषा का अध्ययन, मूल गणित, वित्तीय और स्वास्थ्य साक्षरता कौशल हासिल करने में सहायता की जा रही है I

इसी क्रम में 12 अगस्त 2018 को दिल्ली के विकास नगर क्षेत्र में एक नए व्यस्क साक्षरता केंद्र- स्याही का उद्घाटन हुआ जिसमें लगभग 30 महिलायों का नामांकन किया गया है I इस भले कार्य में रॉटरेक्ट क्लब हमारा सहयोग कर रहा है I

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कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन और प्रार्थना के साथ हुआ जिसके बाद दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की प्रचारक, साध्वी दीपा भारती जी द्वारा मुख्य अतिथियों, सरिता जिंदल (निगम पार्षद आचार संहिता), श्वेता सैनी (निगम पार्षद कानून समिति) और रोटरेक्ट क्लब के उपस्थित 40 रॉटरेक्टरस का भव्य स्वागत किया गया I इसके बाद नामांकित महिलायों को मुख्य अतिथियों द्वारा स्याही पहचान पत्र और रॉटरेक्ट क्लब द्वारा दी गयी स्टेशनरी किट प्रदान की गयी I इसके साथ ही इस अभियान से जुडी दो लाभार्थियों ने अपने अनुभव साँझा किये जिनमे उन्होंने बताया कि किस प्रकार शिक्षा ने उनके जीवन में एक सकारात्मक क्रांति का बिगुल बजाया है I  शिक्षा ने न केवल उनके जीवन को सही आकार देने में अपितु उन्हें इस योग्य बनने में भी सहायता की है कि आज वे अपने  बच्चों के भविष्य को भी सही आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है I शिक्षित होने से वे आर्थिक रूप से मजबूत हुई हैं जिससे वे गरीबी को कम करने में सक्षम हुई हैं I शिक्षा ने उनके भीतर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को सशक्त किया है जिससे आज वे बिना किसी भय के सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले रही हैं I इस प्रकार शिक्षा उनके जीवन को संपूर्ण रूप से सशक्त बनाने में कारगर साबित हुई है I सभी ने उनकी इस कामयाबी पर उन्हें बधाई दी I  

अंत में हमारे मुख्य अतिथिगण ने अपने प्रभावी भाषण से महिलायों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हुए उन्हें इसी प्रकार देश के निर्माण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया एवं उनके आगामी जीवन में और भी सकारात्मक क्रान्ति आने की कामना की I इसके साथ ही उन्होंने मंथन के इस भले कार्य की भरपूर सराहना करते हुए स्वयं भी इसमें सहयोग करने का वचन दिया I

इसके साथ ही दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक सर्व श्री आशुतोष महाराज जी जिनके आशीर्वाद से यह सब संभव हो पाया के श्री चरणों में श्रद्धा नमन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया I

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