Read in English

गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा अहमदाबाद, गुजरात में 3 से 9 दिसम्बर 2023 तक सात दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर जी ने भगवान शिव के अलौकिक स्वरूप में निहित शाश्वत सत्य के गहन सार को उजागर किया।

Bhagwan Shiv Katha at Ahmedabad, endeavored to decipher the divine form of Lord Shiva

डॉ. सर्वेश्वर जी ने बताया कि भगवान शिव, जिन्हें अति-शीघ्र प्रसन्न होने के कारण ‘आशुतोष’ भी कहा जाता है, भक्तों के साधारण से प्रयास से भी आनंदित हो जाते हैं, जो उनके दयालु व शीघ्र प्रसन्न होने वाले स्वभाव को दर्शाता है। इसके विपरीत, उन्हें ‘रुद्र’ नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव संहारक हैं, जो दुष्प्रवृत्तियों एवं दुर्गुणों का नाश करते हैं। भगवान शिव का नटराज स्वरूप विभिन्न मुद्राओं के माध्यम से निर्माण व विनाश की समवर्ती क्रियाओं का द्योतक है। भगवान शिव का अर्धनारीश्वर स्वरूप शिव व शक्ति के दिव्य संयोजन को दर्शाता है।

कथा में भगवान शिव के जीवन से संबंधित सागर मंथन दृष्टांत का वर्णन भी किया गया, जिसमें मंथन से उत्पन्न ‘हलाहल’ विष ने ब्रह्मांड के अस्तित्व को संकट में डाल दिया था। तथा जिसे सभी प्राणियों की रक्षा हेतु भगवान शिव ने निःस्वार्थ अपने कंठ में धारण कर लिया था। विष धारण करने के कारण उनका कंठ नीले वर्ण का हो गया। अतः उनका नाम नीलकंठ पड़ गया।

Bhagwan Shiv Katha at Ahmedabad, endeavored to decipher the divine form of Lord Shiva

पूर्ण सतगुरु से ‘ब्रह्मज्ञान’ प्राप्त करने के उपरांत ही भगवान शिव के संपूर्ण दिव्य स्वरूप का मर्म समझा जा सकता है।

आज दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी जन-जन को यही ‘ब्रह्मज्ञान’ प्रदान कर रहें हैं। दिव्य गुरुदेव ‘मानव में क्रांति और विश्व में शांति’ के अपने लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा की व श्री आशुतोष महाराज जी के आशीर्वाद से कथा के आध्यात्मिक सार व महिमा को गहराई से समझा। उन्होंने भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों के लिए आग्रह किया व उनमें अपने सहयोग की इच्छा व्यक्त की।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox