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भगवान शिव का स्वरूप व जीवन का प्रत्येक पहलू अध्यात्म के ऐसे गहरे तत्वों को सँजोए हुए है जो साधक के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। जन-मानस के लिए इन्हीं तत्वों को उजागर करने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 15 से 19 फ़रवरी 2023 तक मलोट, पंजाब में पाँच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण व भगवान शिव के चरण कमलों में वंदना अर्पण से हुआ, जिसने सम्पूर्ण वातावरण में पवित्रता का संचार किया।

Bhagwan Shiv Katha deciphered the Adi Guru form of Lord Shiva for spiritual seekers at Malout, Punjab

कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने गुरु गीता के रूप में मानव समाज को उपलब्ध भगवान शिव की शिक्षाओं पर गहन विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव की संहारक शक्ति कैसे अंतःकरण के राक्षस रूपी दोषों के विनाश के लिए अनिवार्य है। यही नव सृजन व विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने समझाया कि पूर्ण सतगुरु के रूप में भगवान शिव तृतीय नेत्र के माध्यम से ईश्वर के तत्व रूप का प्रकटीकरण करते हैं और साधक को परम स्रोत से जुड़ने का मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। सर्व शक्तिमान भगवान शिव अपने सौम्य व दयालु स्वभाव के लिए पूजे जाते हैं, जिन्हें सरलता से भक्ति द्वारा प्रसन्न किया जा सकता है; अतः वे ‘आशुतोष’ के नाम से जाने जाते हैं।

साध्वी जी ने कहा कि श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के पूर्ण सतगुरु हैं, जो साधक के अंतर हृदय को ब्रह्मज्ञान से प्रकाशित कर उसके भीतर शिव तत्व को जाग्रत कर देते हैं। इस शिव तत्व से जुड़कर व्यक्ति विवेकपूर्ण व श्रेष्ठ कर्मों को करते हुए शांति व आनंद का कोश बन जाता है। साध्वी जी ने बल देते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान ही समाज मैं फैली सभी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने का एकमात्र उपाय है। अतः सभी को मानव जन्म के परम उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु ऐसे ज्ञान की खोज करनी चाहिए।

Bhagwan Shiv Katha deciphered the Adi Guru form of Lord Shiva for spiritual seekers at Malout, Punjab

कथा के प्रत्येक दिन कई क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई। उपस्थित समस्त भक्तजनों ने विवेकपूर्ण प्रसंगों से अनमोल रत्नों को प्राप्त कर स्वयं को भगवान के दिव्य प्रेम से सराबोर महसूस किया। तथ्यों की वैज्ञानिक व विवेकपूर्ण तर्कों सहित प्रस्तुति ने इस शिव कथा को विलक्षणता प्रदान की। ताण्डव स्तोत्रम व भावपूर्ण भजनों ने सम्पूर्ण वातावरण में शांति का संचार किया। आत्म-जागृत साधकों की अथक व निःस्वार्थ सेवा ने अनेक जिज्ञासुओं को प्रेरित किया।

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