दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा सिरसा, हरियाणा में 14 से 18 फ़रवरी 2023 तक पाँच दिवसीय ‘भगवान शिव कथा’ का आयोजन किया गया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की शिष्या व कथा व्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने वेदों व ग्रंथों में भगवान शिव के तपस्वी व उदार जीवन से जुड़े आध्यात्मिक सूत्रों पर प्रकाश डाला। कथा का शुभारंभ भगवान शिव के चरण कमलों में वंदना अर्पण से हुआ। तत्पश्चात मंत्रोच्चारण, भक्तिपूर्ण भजनों, ज्ञानपूर्ण प्रस्तुतियों व श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्यों द्वारा आध्यात्मिक प्रवचनों की शृंखला ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।
साध्वी जी ने विस्तारपूर्वक समझाया कि भगवान शिव को आध्यात्मिक ज्ञान का विश्वव्यापक गुरु माना जाता है। भगवान शिव योग, ध्यान, और ब्रह्मांडीय ऊर्जा की परम शक्ति का प्रतीक हैं। उनकी सच्ची आराधना हमें अपने झूठे अहंकार का त्याग करने व ईश्वर से जुड़ने में सहायता करती है। भगवान शिव की संहारक शक्ति से जुड़ी मिथ्या धारणाओं पर प्रकाश डालते हुए साध्वी जी ने समझाया कि वास्तव में यह विनाश पुनर्जीवन का आगमन है ताकि हम अपने पाप-कर्मों को छोड़ कर ईश्वर प्राप्ति के पथ पर अग्रसर हो पाएँ।
साध्वी जी ने समझाया कि भगवान शिव को वर्णित नहीं किया जा सकता; शिव को तृतीय नेत्र द्वारा ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से ही अनुभव किया जा सकता है। ‘ब्रह्मज्ञान’ की भव्यता में शाश्वत ज्ञान के रत्न व शाश्वत विज्ञान के सिद्धांत निहित हैं। ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान आत्मा को सशक्त बनाता है। यह ध्यान हमारे मन को अंतर्जगत के दिव्य प्रकाश पर केंद्रित कर उसे शांत व सकारात्मक बनाने में सहायता करता है। मोक्ष के लिए प्रयासरत प्रत्येक आकांक्षी को अपने आध्यात्मिक जीवन के युद्धक्षेत्र में सारथी रूपी गुरु की आवश्यकता होती है। आध्यात्मिक रूप से सशक्त गुरु स्वयं शिव के अवतार होते हैं जिनमें आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा एक शिष्य के अंतःकरण को रूपांतरित कर परम शांति की अवस्था को प्राप्त करवाने की महाशक्ति होती है। श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय के एक ऐसे ही पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ सतगुरु हैं, जिन्होने ब्रह्मज्ञान से मानव में क्रांति और विश्व में शांति लाने का महान लक्ष्य अपनाया है।
साध्वी जी ने कथा का समापन करते हुए सभी को ‘ब्रह्मज्ञान’ प्राप्त कर विश्व शांति के लक्ष्य में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। दिव्यता से सराबोर विचारों को प्राप्त कर उपस्थित सभी श्रोतागण प्रभावित हुए और गुरुदेव के श्री चरणों में नमन अर्पित कर आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने की नवीन उमंग के साथ उन्होंने कार्यक्रम से प्रस्थान किया।