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भगवान शिव कथा भगवान शिव की लीलाओं के पीछे छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को जन-जन तक पहुंचाने और समझाने का एक अचूक साधन हैl दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान द्वारा श्री आशुतोष महाराज जी की असीम अनुकम्पा से दिनांक 1 से 5 अगस्त 2022 तक मुक्तसर पंजाब में भगवान शिव कथा का भव्य आयोजन किया गयाl पांच दिवसीय शिव कथा में अनेक श्रद्धालुओं एवं गणमान्य अतिथियों ने सम्मिलित हो कथा का लाभ प्राप्त कियाl कथा वाचक साध्वी जयंती भारती जी ने अपने प्रवचनों तथा मंच पर आसीन संगीतकार शिष्यों द्वारा भक्ति भाव से ओतप्रोत भजनों के माध्यम से भगवान शिव के दिव्य उपदेशों को उत्कृष्ट रूप से स्पष्ट कियाl

Bhagwan Shiv Katha Reverberated the Eternal Message of Self Realization at Muktsar, Punjab

कथा व्यास जी ने बताया कि शिव को समझना आंतरिक चेतना की उच्चत्तम अवस्था को प्राप्त करना हैl भगवान शिव को अंतर्घट में आत्म साक्षात्कार के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता हैl भगवान शिव के तीसरे नेत्र का खुलना आत्म साक्षात्कार द्वारा परमानंद को प्राप्त करने का प्रतीक हैl एक पूर्ण गुरु हमें ब्रह्मज्ञान प्रदान कर हमारा तृतीय नेत्र खोल देते हैं और हमें अंतर्घट में ही ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति करवाते हैंl भगवान शिव की वास्तविक भक्ति उस क्षण से आरम्भ होती है जब व्यक्ति ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार कर शिव के वास्तविक रूप का दर्शन करता हैl

साध्वी जी ने समझाया कि व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान के निरंतर अभ्यास से शिव का प्रबल अनुयायी बनना चाहिएl ध्यान वह विधि है जो हमें संपूर्ण ब्रह्माण्ड के साथ जोड़ सकती है, हमें परम सत्य शिव के साथ एकजुट कर सकती हैl ‘शिव’ और ‘शक्ति’ (आत्मा) का मिलन एक भक्त की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हैl

Bhagwan Shiv Katha Reverberated the Eternal Message of Self Realization at Muktsar, Punjab

साध्वी जी ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि आत्मबल और विवेक की प्राप्ति मात्र पूर्ण गुरु के मार्गदर्शन और निर्देशन में की जा सकती हैl इसलिए हमें वर्तमान समय के ऐसे पूर्ण तत्ववेता गुरु की तालाश करनी चाहिए, जो भगवान शिव के मानिंद ही ब्रह्माण्ड के सर्वोच्च ज्ञान(ब्रह्मज्ञान) के प्रदाता हों और आंतरिक और बाहरी दोषों से हमारी रक्षा कर सकते होंl आध्यात्मिक पथ पर निरंतर बढ़ने पर, फलस्वरुप परम भक्ति, आत्मबल तथा नि:स्वार्थ सेवाभाव की प्राप्ति होती हैl

कथा में उपस्थित समस्त श्रद्धालुओं एवं गणमान्य अतिथियों ने नैतिक तथा आध्यात्मिक रूप से स्वयं को ऊर्जान्वित महसूस किया| उन्होंने भगवान शिव के वास्तविक रूप को जान कर जीवन को सार्थक करने का महामंत्र कथा के माध्यम से प्राप्त कियाl सभी ने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रयासों की व्यापक रूप से सराहना कीl 

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