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दिव्य प्रेरणाओं व भक्ति के वास्तविक अर्थ को उजागर करने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की दिव्य कृपा से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 17 दिसम्बर 2023 को नूरमहल, पंजाब में भव्य भजन संध्या कार्यक्रम ‘भावांजली’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘मंथन’: अभावग्रस्त बच्चों के लिए डीजेजेएस द्वारा संचालित समग्र शिक्षा प्रकल्प को समर्पित था।

Devotional Concert Bhavanjali uncovered the Eternal Route of Spirituality at Nurmahal, Punjab

डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी रूपेश्वरी भारती जी और स्वामी विश्वानन्द जी ने आधुनिक समय में अध्यात्म के महत्व व प्रासंगिकता को बहुत ही सुंदर व्याख्यानों सहित प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ हुआ, जिसने आनंद का संचार कर वातावरण को दिव्य बनाया। साध्वी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि जब साधक को सत्य की अनुभूति होती है, तो उसके अंतःकरण में आध्यात्मिकता का जन्म होता है। जब शिष्य के जीवन में एक पूर्ण सतगुरु का आगमन होता है, तो वे उसके दिव्य नेत्र को सक्रिय कर उसे अंतर्घट में ईश्वर का दर्शन करवाते हैं। तत्पश्चात वह साधक अपने भीतर ईश्वर का ध्यान करता है, जिससे उसका व्यक्तित्व आनंद, प्रेम, शांति, भक्ति, करुणा इत्यादि जैसे गुणों एवं भावों से सुंदर बनता है।

स्वामी जी ने कहा कि दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी समय के पूर्ण सतगुरु हैं, जो जन जन को ‘ब्रह्मज्ञान’ प्रदान कर रहे हैं। ‘ब्रह्मज्ञान’ साधक के दिव्य नेत्र की जाग्रति की शाश्वत विधि है, जो उसे उसके भीतर ईश्वर के तत्त्व स्वरूप का दर्शन करा कर उस दिव्य भगवान से जोड़ती है। आज गुरुदेव जन मानस को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर के, उनके अशांत व नकारात्मकता से भरे जीवन को शाश्वत शांति के परम स्रोत से जोड़ रहे हैं। असंख्य भक्तों ने ब्रह्मज्ञान द्वारा अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए हैं और आज भी ध्यान की गहराइयों में उतरकर उसी दिव्यता को अनुभव करते हैं। कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई।

Devotional Concert Bhavanjali uncovered the Eternal Route of Spirituality at Nurmahal, Punjab

कार्यक्रम ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भगवान के श्री चरणों के प्रति भक्ति, समर्पण व विश्वास जैसे दिव्य भावों से सराबोर कर अपनी सफलता का परिचय दिया। उत्साहवर्धक भावपूर्ण भजनों की शृंखला ने श्रोताओं को अपने अंतःकरण में ईश्वर दर्शन कर उसकी दिव्य कृपा को अपनाने व उसके वास्तविक रूप से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

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