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जन-मानस को भगवान राम के प्राचीन व दिव्य ज्ञान से जोड़ने हेतु, श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डी.जे.जे.एस) के दिव्य मार्गदर्शन में ‘दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान’ द्वारा मोगा, पंजाब में 17 फरवरी 2024 को ‘राम युग आएगा’ नामक भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की प्रवक्ता साध्वी गरिमा भारती जी ने श्री राम के आध्यात्मिक उपदेशों को प्रेरणात्मक रूप से प्रस्तुत किया।

Devotional Concert- Ram Yug Aayega, unveiled the path of Divine knowledge for the devotees

साध्वी जी ने कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान राम के श्री चरणों में प्रार्थना सुमन अर्पित कर किया। तत्पश्चात उन्होंने भगवान राम के आलौकिक ज्ञान में सन्निहित कालजयी शिक्षाओं व गुणों पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने प्रवचनों में भगवान राम के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को उजागर किया व उनमें निहित धर्म, भक्ति और ज्ञान-अज्ञान के बीच संग्राम संबंधित विषयों पर विचार प्रस्तुत किए। प्रभु राम को समर्पित भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने उपस्थित श्रद्धालु हृदयों को स्पर्श कर कार्यक्रम में भक्ति व भ्रातृत्व जैसे भावों का संचार किया।

डी.जे.जे.एस प्रतिनिधि ने समझाया कि ‘राम युग’ की अवधारणा उस आंतरिक परिवर्तन को दर्शाती है जो ब्रह्मज्ञान की लौ प्रज्वलित होने पर एक भक्त के भीतर घटता है। ‘ब्रह्मज्ञान’ वह कुंजी है जो बाह्य व आंतरिक, पूर्ण परिवर्तन प्रदान कर आध्यात्मिक विकास व सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है। दिव्य गुरु द्वारा प्रदत्त दीक्षा इस परिवर्तनकारी यात्रा की धुरी बनती है और भक्त के लिए मार्गदर्शक व सहायक सिद्ध होती है। गुरु शिष्य को आध्यात्मिक जाग्रति व ज्ञान के दुर्लभ मार्ग पर अग्रसर करने में अहम भूमिका निभाते हैं। गुरु प्रदत्त दीक्षा साधक व ईश्वर के मध्य गहरा संबंध स्थापित कर ब्रह्मांडीय सिद्धांतों व ‘दिव्य विज्ञान’ में निहित कालातीत ज्ञान की अनुभूति का मार्ग प्रशस्त करती है।

Devotional Concert- Ram Yug Aayega, unveiled the path of Divine knowledge for the devotees

साध्वी जी ने सारांशित करते हुए समझाया कि ‘ब्रह्मज्ञान’ आधारित ध्यान-साधना भक्त के लिए चैतन्यता के उच्च शिखरों तक पहुँचने का माध्यम बनती है। संक्षेप में, ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से ‘राम युग’ की स्थापना उन व्यक्तियों के सामूहिक जागरण का प्रतीक है जो इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया को पार कर जाते हैं। यह एक ऐसे समाज की कल्पना करता है जहाँ व्यक्ति, भगवान राम के सिद्धांतों व दिव्य गुरु की शिक्षाओं द्वारा निर्देशित होकर, एक सामंजस्यपूर्ण और आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध युग के निर्माण में अपना योगदान अर्पित करता है।

उपस्थित श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक विकास व ज्ञानोदय भावों को प्रस्फुटित करता यह भजन संध्या कार्यक्रम एक परिवर्तनकारी अनुभव सिद्ध हुआ। कार्यक्रम ने भगवान राम के दिव्य ज्ञान का प्रचार व जन-मानस को आध्यात्मिक यात्रा के प्रति प्रेरित करने के अपने उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।

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