भगवान शिव के पवित्र जीवन का महिमागान करने और उनके द्वारा स्थापित दिव्य सत्य और सच्ची आराधना के रहस्यों को गहराई से समझाने के उद्देश्य से, 'दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान' द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के मार्गदर्शन से 1 अक्टूबर 2023 को जालंधर, पंजाब में 'तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु - बंधन से मुक्ति की ओर' नामक एक विशाल स्तरीय 'भजन संध्या' का आयोजन किया गया।
श्री आशुतोष महाराज जी की प्रचारक शिष्या साध्वी जयंती भारती जी ने भगवान शिव के जीवन से प्राप्त दिव्य विचारधाराओं और व्यवहारिक प्रेरणाओं का बेहद सटीक और तार्किक विश्लेषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ गुरुदेव के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी शिष्यों द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण से किया गया| तदुपरांत भावपूर्ण एवं मधुर भक्ति रचनाओं के गायन से भक्तों के विशाल समूह में शिव भक्ति की अलौकिक तरंगों को प्रतिध्वनित किया गया।
शिव के अद्भुत श्रृंगार के रहस्यमय संकेतों को प्रकट करते हुए, डीजेजेएस प्रतिनिधि ने बताया कि शिव का आभूषण ‘सर्प’ प्रत्येक व्यक्ति की आध्यात्मिक जागृति और ज्ञानोदय की क्षमता का प्रतीक है। इसी प्रकार तृतीय नेत्र, अर्धचंद्र और भगवान के अन्य अलंकार ब्रह्मज्ञान, ब्रह्मांडीय संतुलन और आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रतीक हैं।
डीजेजेएस प्रतिनिधि ने बताया कि सीमित जानकारी रखने वाले कुछ लोग कहते हैं कि भगवान शिव आनंद की अवस्था में निमग्न रहने के लिए सांसारिक क्षुद्र नशीले पदार्थों का उपयोग करते हैं, जबकि सत्य यह है कि भगवान शिव 'ब्रह्मज्ञान' पर आधारित ध्यान के निरंतर अभ्यास से अध्यात्म के सर्वोच्च शिखर पर स्थित शाश्वत एवं अलौकिक आनंद में स्थित रहते हैं। यदि व्यक्ति का मन सत्य पर केंद्रित है, तो वह भी ब्रह्मज्ञान के माध्यम से अपने भीतर 'शिव तत्व' की प्राप्ति के मार्ग पर चल सकता है, अन्यथा यह शरीर केवल एक शव के समान है। अतः हमें भी जीवन में भगवान शिव जैसे कल्याणकारी गुरु को प्राप्त कर उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए तथा स्वयं को 'शिव तत्व' में विकसित व स्थापित करना चाहिए।
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी एक ऐसे कल्याणकारी एवं दूरदर्शी गुरु हैं जिन्होंने अध्यात्म की सनातन पुरातन पद्धति ‘ब्रह्मज्ञान’ के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व के तनावपूर्ण हृदयों में आनंदमय दिव्य प्रकाश को स्थापित किया है।
कार्यक्रम में अनेकों अतिथिगण भी उपस्थित हुए जिनमें से कुछ के नाम इस प्रकार है: श्री विजय सांपला (पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पूर्व केंद्रीय मंत्री- सरकार भारत, पूर्व सांसद), श्री अशोक मित्तल (राज्यसभा सदस्य एवं चांसलर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर), श्री फ़िरोज़ खान (प्रसिद्ध गायक), श्री दीपक बाली (सलाहकार कला, संस्कृति एवं भाषा, सरकार, दिल्ली और जनरल सेक, हरिवल्लभ संगीत समेलन), श्री नरिंदर सिंह सग्गू (अध्यक्ष इंडस्ट्रियल एसोसिएशन फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन, जालंधर), श्री नरेश मित्तल (वाइस चेयरमैन, लवली ग्रुप, जालंधर), श्री राजन चोपड़ा (रमाडा और पीपीआर ग्रुप और सेंट सोल्जर ग्रुप, जालंधर), श्री आदित्य जैन (अध्यक्ष बार एसोसिएशन, जालंधर) इत्यादि।
‘भजन संध्या’ के इस भव्य कार्यक्रम ने उपस्थित भक्तों` में अध्यात्म के प्रति रुचि को जागृत किया तथा वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी किया। भक्त श्रद्धालुओं ने अपने हृदयों में ईश्वर के लिए दृढ आस्था, विश्वास तथा समर्पित भावों सहित कार्यक्रम स्थल से प्रस्थान किया।