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जीवन का मुख्य उद्देश्य आत्मा का आध्यात्मिक उत्थान है जो कि एक सतत प्रक्रिया है l एक भक्त को आध्यात्मिक विकास के लिए दृढ़ संकल्प एवं पूर्ण समर्पण कि आवश्यकता होती है l पूर्ण समर्पण ही आत्मज्ञान की प्राप्ति के द्वार खोलता है l परम पूजनीय श्री आशुतोष महाराज की असीम कृपा से २९ जून २०१९ को पंजाब के अमृतसर में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 'समर्पण' - भक्ति संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया l साध्वी जयंती भारती जी ने हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित कई उदाहरणों को उद्धृत करके एक शिष्य के जीवन में समर्पण के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया l सुमधुर भक्तिमय भजनो एवं विचारप्रेरक व्याख्यानों ने इस आयोजन के दौरान उपस्थित लोगो में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया l

Devotional Concert 'Samarpan' Highlighted the Significance of True Surrender at Amritsar, Punjab

साध्वी जी ने बताया की वास्तविक समर्पण हमेशा पूर्ण गुरु के प्रति होना चाहिए l गुरु चरणों में पूर्ण समर्पण ,भक्ति भाव, श्रद्धा एवं अडिगता से किया जा सकता है l पूर्ण समर्पण करुणा और निरंतर ध्यान द्वारा अपने भय, नकारात्मक भावनाओ, इच्छाओ और दोषो को दूर करने की आतंरिक प्रक्रिया है l

साध्वी जी ने स्पष्ट किया कि आध्यात्मिक जिज्ञासु को आत्मसाक्षात्कार द्वारा अपने भीतर निहित शक्ति को प्राप्त करना चाहिए l ईश्वर का शाश्वत नाम ही हमें शांति प्रदान करता है, हमें आंतरिक रूप से सशक्त और सतर्क बनाता है कि बाहरी परिस्तिथियों का कोई भी बवंडर या आतंरिक विचारो की आंधी हमें ज्ञान और सत्य के मार्ग से विचलित नहीं कर सकती l

Devotional Concert 'Samarpan' Highlighted the Significance of True Surrender at Amritsar, Punjab

साध्वी जी ने कहा कि पूर्ण समर्पण के लिए आध्यात्मिक जाग्रति जरुरी है l जो लोग अपने अंतःकरण में ईश्वर का साक्षात्कार कर लेते है वे संसारिक भ्रम और इसकी जटिलताओं से बंधन मुक्त हो जाते है l परम पूजनीय श्री आशुतोष महाराज जी एक ब्रह्मनिष्ठ तत्ववेता गुरु है जो ब्रह्मज्ञान प्रदान कर लोगो को उनके घट में ही ईश्वर के दर्शन करा रहे है l गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण शिष्य कि पूर्ण प्रतिवद्धता है कि वह ज्ञानमार्ग का अनुसरण कर मानवता की सेवा करे l

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