श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य सान्निध्य में संचालित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का लिंग समानता प्रकल्प – संतुलन, देश भर में प्रतिवर्ष तीज व लोहड़ी जैसे अनेक ‘कन्या पर्व’ मनाने के लिए प्रसिद्ध व चर्चा का विषय रहा है. पिछले वर्ष 45000 से अधिक लाभार्थियों का निर्माण करने के पश्चात इस वर्ष भी संस्थान ने देश भर में नवरात्रि पर्व पर, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए चल रहे राष्ट्र स्तरीय जागरूकता अभियान 'तू है शक्ति' के अंतर्गत, "कन्या पूजन के देश में कन्या भ्रूण हत्या क्यों" विषय पर मासिक जागरूकता अभियान का आरम्भ किया. इस अभियान के द्वारा संस्थान जन जन तक यह सन्देश पहुंचाना चाहता है कि नवरात्री पर्व पर किया जाने वाला कन्या पूजन सिर्फ 9 दिन का उत्सव नहीं, बल्कि सदियों से स्थापित एक धारणा है जिसके अनुसार नारी देवी अवतार के समान है. सूचना है कि इस अभियान का संचालन 18 सितंबर 2016 से 18 अक्टूबर 2016 तक, विशेष रूप से असंतुलित लिंग अनुपात के साक्षी रहे क्षेत्र-दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरयाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में, जागरूकता वर्कशॉप, बाइक रैली, कन्या रैली, दुर्गा झांकी जैसे विभिन्न कार्यक्रमो के माध्यम से रहेगा.
कन्या भ्रूण हत्या की समस्या, जिसे हाल ही में देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के प्रक्षेपण पर 'मानसिक रोग' व 'समाज के प्रति विश्वासघात' कहा, इतनी गंभीर हो चुकी है कि इसके कारण महिला तस्करी, वधु व्यापार, बाल विवाह, उत्पीड़न आदि जैसे महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराध भी शीघ्रता से बढ़ रहे हैं. इस अभियान के माध्यम से संतुलन लाखों लोगों तक यह सन्देश पहुँचा रहा है कि नवरात्रि पर्व पर हज़ारों की संख्या में हो रहे देवी पूजन, देवी भागवत आदि का कोई मूल्य नहीं है अगर हम 9 दिन के पश्चात कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को पुनः प्रारम्भ कर दें. देश भर में अनेकों शक्ति पीठ होते हुए भी, हज़ारों देवी पूजा होते हुए भी महिलाओं के खिलाफ अन्याय बढ़ता जा रहा है जिनमें कन्या भ्रूण हत्या सबसे अधिक संकटमय है.
इस अभियान के अन्तर्गत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों में विभिन्न गतिविधियां जैसे प्रेरणादायक कमेंट्री, कन्या पूजन के देश में हो रहे कन्या भ्रूण हत्या जैसे विरोधाभास का प्रदर्शन करती नाटिका, प्रेसेंटेशन के माध्यम से समाज को कन्या भ्रूण की रक्षा करने हेतु जागरूक करने के लिए दिव्य प्रवचन का वितरण, उपबोधन, संतुलन कार्यक्रम के शैक्षिक पैम्फलेट का जन वितरण इत्यादि.
सूचना के अनुसार इस अभियान का प्रयोजन समाज की मानसिकता में पूर्ण रूप से परिवर्तन है. उद्देश्य यह है कि मनुष्य आध्यात्मिक रूप से जागरूक हो. आवश्यकता है कि वो समझे कि 9 दिन का देवी व कन्या पूजन पूरे वर्ष किये जाने वाले अपराधों के लिए पर्याप्त नहीं है. बहुसंख्यक प्रचारकों व कार्यकर्ताओं के माध्यम से संस्थान जन जन तक आध्यात्मिक स्तर पर आवश्यक जागरूकता का महत्व पहुँचाने का संकल्प रखता है जिससे केवल कन्या भ्रूण हत्या ही नही, बल्कि महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों का भी पूर्ण रूप से अंत हो जाए.
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान एक सामाजिक आध्यात्मिक संस्था है जिसका ध्येय है - आध्यात्मिक जागृति द्वारा विश्व में शान्ति. आध्यात्मिकता द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण व लिंग संतुलन की स्थापना के अतिरिक्त, संस्थान द्वारा नशा मुक्ति, अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षार्थ, पर्यावरण संरक्षण हेतु, गो संरक्षण, संवर्धन एवं नस्ल सुधार, समाज के सम्पूर्ण स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन तथा नेत्रहीनों, अपाहिजों के सशक्तिकरण के साथ साथ जेल के कैदी बंधुओं के लिए भी समाज कल्याण के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं.