दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में प्रयागराज की पावन भूमि पर बने दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के भव्य पंडाल शिविर में 16 फरवरी 2025 को ‘दिव्य संपूर्णोत्सव’ (ग्रैंड फिनाले) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई। आध्यात्मिक प्रवचनों व भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियों की शृंखला के साथ-साथ महाकुंभमें संस्थान द्वारा किए गए कार्यक्रमों की सफलता में योगदान देने वाले विभिन्न व्यक्तियों को सम्मानित करने हेतु एक समारोह भी आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलमयी व भावपूर्ण ‘गंगा आरती’ के साथ किया गया। ‘गंगा आरती’ के उपरांत ‘भजन संध्या’ ने वातावरण में दिव्य सुरों का संचार किया। भजन संध्या में भक्तिपूर्ण भजनों व प्रवचनों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी मणिमाला भारती जी ने ‘ब्रह्मज्ञान’ के मूल विज्ञान व उसकी परिवर्तनकारी शक्ति को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर दर्शन प्रदान करके मानव में क्रांति और विश्व में शांति लाने की दिशा में कार्यरत्त हैं।
समारोह में प्रयागराज प्रशासन के प्रमुख अधिकारी, सरकारी प्रतिनिधि व विभिन्न संस्थानों के प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई। इन गणमान्य अतिथियों को, उनके द्वारा दिए गए सहयोग के लिए स्मृतिचिन्ह व प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम का एक विशेष सत्र 33 दिवसीय डीजेजेएस की महाकुंभ में उपस्थिति के मुख्य आकर्षणों को सांझा करने के लिए समर्पित रहा। डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने कार्यक्रम के महत्वपूर्ण परिणामों को प्रस्तुत किया। इनमें व्यक्तिगत साक्ष्यों पर आधारित दृष्टांत भी सम्मिलित थे,जिन्होंने उजागर किया कि कैसे ‘ब्रह्मज्ञान’ ने लोगों के जीवन को रूपांतरित किया। साध्वी जी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि डीजेजेएस महाकुंभ शिविर ने उपस्थित श्रद्धालुओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा व अनेक आगंतुकों ने प्राप्त ज्ञान व मार्गदर्शन के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि डीजेजेएस शिविर महाकुंभ में आध्यात्मिक जाग्रति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना, जिसने असंख्य श्रद्धालुओं व ईश्वर दर्शन के जिज्ञासुओं को आकर्षित किया। वे सभी दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिक्षाओं को जानने व आंतरिक परिवर्तन को अनुभव करने के लिए उत्सुक थे।
‘दिव्य संपूर्णोत्सव’ के साथ ही ‘दिव्य ज्योति वेद मंदिर’ द्वारा आयोजित 33 दिवसीय अखंड वैदिक अनुष्ठान का भी सफलतापूर्वक समापन हुआ। इसका शुभारंभ 14 जनवरी 2025 को प्रातः 4 बजे हुआथा व 16 फरवरी 2025 को प्रातः 4 बजे वैदिक आरती व महायज्ञ के साथ इसे सम्पन्न किया गया। इन 33 दिवसों में 504 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने अनवरत 2,561,328 वैदिक मंत्रों का जाप किया व शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी संहिता (रुद्री पाठ) के 11,151 पाठ पूर्ण किए। डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी दीपा भारती जी ने बताया कि दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की प्रेरणा से यह दिव्य प्रयास वैश्विक शांति, एकता व संपूर्ण जगत के कल्याण हेतु किया गया था व इसका सम्पन्न होना एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक उपलब्धि है।
कार्यक्रम में उपस्थित समस्त गणमान्य अतिथियों ने डीजेजेएस के प्रयासों की भूरी भूरी प्रशंसा की।दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से, यह संपूर्ण आयोजन पूर्णतः सफल हुआ।