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महाकुंभ 2025 में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा आयोजित विशेष पाँच दिवसीय राम कथा वाचन ने रामायण में वर्णित भगवान राम के जीवन पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। 3 से 7 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश से असंख्य साधकों, गणमान्य अतिथियों, छात्रों व भक्तों की उपस्थिति देखी गई।  

DJJS Exclusives Lets Decode Ramayana at Mahakumbh 2025, Prayagraj : A Socio-Spiritual-Scientific Exploration of a Timeless Scripture

इस विशेष कार्यक्रम ने भगवान राम के अस्तित्व व लीलाओं संबंधित प्रचलित मिथकों को दूर कर उन्हें आज के युवाओं के समक्ष एक उन्नत समाज के अनुकरणीय प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया। कथा व्यास साध्वी दीपिका भारती जी ने भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण लीलाओं को उजागर किया जिसमें बाली व शंभूक वध, माँ सीता के संबंध में उनके निर्णय, राम सेतु का अस्तित्व आदि सम्मिलित रहे। 

साध्वी जी ने इस तथ्य पर बल दिया कि समकालीन समाज में भगवान राम की कथा का बौद्धिक व विद्वतापूर्ण मूल्यांकन केवल बाहरी विवरणों व शोध तक ही सीमित रह गया जो कथा की ऊपरी सतह को ही उजागर कर पाता है। यह छिछली समझ प्रचलित भ्रांतियों व सामाजिक नैतिक ढांचे के क्षरण का मूल कारण है। उन्होंने आगे समझाया कि मानव रूप में अवतरित भगवान राम की दिव्य लीलाओं को चेतना के सामान्य स्तर से नहीं समझा जा सकता। अपितु उन्हें समझने हेतु आंतरिक यात्रा की आवश्यकता है- अर्थात आत्मिक-जाग्रति की उच्च अवस्था तक पहुँचना होगा। 

DJJS Exclusives Lets Decode Ramayana at Mahakumbh 2025, Prayagraj : A Socio-Spiritual-Scientific Exploration of a Timeless Scripture

अपने प्रवचनों में साध्वी जी ने भगवान राम की लीलाओं में निहित आध्यात्मिक संदेशों को उजागर कर उन्हें दैनिक जीवन में एकीकृत करने हेतु मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि आध्यात्मिक रूप से परिवर्तित व्यक्तियों के पास ही समाज सुधार व विश्व शांति की कुंजी है। उन्होंने बताया कि ऐसे परिवर्तन की नींव आत्म-साक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान ‘ब्रह्मज्ञान’ में निहित है। समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान एक अलौकिक, वैज्ञानिक, शास्त्र-प्रमाणित, अचूक आत्मा का ज्ञान है; जो मानव के मूल- मन पर कार्य करता है।  

भगवान राम, जिनके दिव्य अवतरण का उद्देश्य शांति स्थापित करना व मानवता का उत्थान करना था, ने भी ग्रंथों में उल्लिखित सिद्धांतों का पालन किया। उन्होंने सभी के लिए एक शाश्वत उदाहरण स्थापित करते हुए ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने हेतु अपने गुरुदेव की शरण ली।

साध्वी जी ने आज के अराजक समय में आत्म-जाग्रति की आवश्यकता पर बल देते हुए रेखांकित किया कि डीजेजेएस आध्यात्मिक परिवर्तन लाने व विश्व शांति स्थापित करने के अपने लक्ष्य पर दृढ़ है। ब्रह्मज्ञान के शाश्वत विज्ञान द्वारा व्यक्ति आंतरिक जाग्रति व शांति को अनुभव कर सकता है जो अंततः बाह्य जगत में प्रसारित हो संपूर्ण विश्व में शांति की प्रभावपूर्ण लहरों को जन्म देती है। महाकुंभ 2025 के पवित्र मेले में इस कार्यक्रम ने अत्यधिक प्रशंसा प्राप्त की।

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