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पृथ्वी दिवस के अवसर पर, संस्थान के संरक्षण कार्यक्रम ने देशभर में 15 अप्रैल से 22 अप्रैल तक अपने विभिन्न केंद्रों में बच्चों के सशक्तिकरण हेतु "children for Earth" अभियान शुरू किया| जिसका उद्देश्य पृथ्वी के सबसे कम उम्र के संरक्षको को पृथ्वी संरक्षण के लिए जागरूक करना रहा। अपने नाम को सार्थक करते हुए "children for Earth" इंगित करता है कि यह एक ऐसा अद्वितीय अभियान है जो पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार नागरिक बनाकर प्रकृति संरक्षण गतिविधियों में बच्चों को शिक्षित और संलग्न कर रहा है।

DJJS Sanrakshan empowers children to lead the movement of environmental change on Earth Day 2018

वर्तमान शहरीकरण के चलते आज मनुष्य प्रकृति के साथ बहुत कम समय बिताता है। जिसके फलस्वरूप प्राकृतिक वातावरण का निरंतर ह्रास हो रहा है। बच्चे पृथ्वी के भावी संरक्षक हैं और जिन्हें इस बदलते वातावरण के साथ सामंजस्य बिठाना होगा। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि पिछली पीढ़ियों की तुलना में बच्चों की प्रकृति की ओर कम रुझान है। इसलिए वे जीवन भर इस पक्ष के प्रति निष्क्रिय रहते हुए संसाधनों के उपयोग को सीमित करने के लिए कुछ भी नहीं करते। अब यह बेहद जरूरी है कि उन्हें उचित पर्यावरणीय शिक्षा प्रदान की जाए और उन गतिविधियों में संलग्न किया जाए जो परिवर्तन लाने की दिशा में उनका मार्गदर्शन करे।

हर वर्ष पृथ्वी दिवस के अवसर पर इसे ध्यान में रखते हुए संस्थान का संरक्षण कार्यक्रम बच्चों को पृथ्वी रक्षण के संचालन हेतु हर स्थिति में डटे रहने के लिए अभियान चलाता है। इस साल भी, पूरे भारत में मुख्य रूप से स्कूली बच्चों के लिए संस्थान की लगभग सभी शाखाओं द्वारा जागरूकता कार्यशालाओं का संचालन किया गया। जिसके तहत संस्थान के प्रचारकगणों ने उन्हें "माँ पृथ्वी की कहानी" बताकर पृथ्वी की वर्तमान पर्यावरणीय स्थिति के बारे में अवगत कराया। साथ ही, विभिन्न अन्य गतिविधियों और खेलों के माध्यम से उन्हें एक उचित जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया। इसके अलावा, पिछले कई सालों में इसी अभियान से जागरूक हुए कई बच्चों ने रैलियों, नुक्कड़ नाटक, नृत्य नाटिकाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से अपने साथियों और जनमानस को भी जागरूक किया। सिर्फ इतना ही नहीं, इन प्रकृति संरक्षको ने वृक्षारोपण करने के साथ-साथ लोगों को पृथ्वी संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करने के लिए पौधे भी वितरित किए।

DJJS Sanrakshan empowers children to lead the movement of environmental change on Earth Day 2018

इसके अतिरिक्त, कुछ शाखाओं ने सामान्य रूप से आध्यात्मिक मंच के माध्यम से जनता को इस संवेदनशील मुद्दे पर जागरूक भी किया। इसका उद्देश्य इस तथ्य के बारे में जागरूकता फैलाना था कि पृथ्वी का अनुकूल व शुद्ध  वायुमंडल ही मनुष्यों के लिए जीवन को संभव बनाता है। यदि मनुष्य इसे प्रदूषित करना जारी रखते हैं, तो पृथ्वी 'जीवन-धारक ग्रह' अपनी इस गरिमा को निश्चित ही खो बैठेगी। इस अभियान के तहत, हजारों लोग आगे आए और पृथ्वी संरक्षण के समर्थन में प्रतिज्ञा भी ली।

पिछले 10 वर्षों से संस्थान का संरक्षण - पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम इस प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित कर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार लोगों का निर्माण कर रहा है, जो स्वयं परिवर्तन की मिसाल बन औरों को भी इसके लिए प्रेरित व प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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