भक्तिमय भजनों द्वारा अलौकिक तरंगों को प्रसारित करने के पावन उद्देश्य हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की तरण तारण शाखा द्वारा 23 मार्च 2024 को तरण तारण, पंजाब में भव्य ‘माता की चौकी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम प्रवक्ता, श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की शिष्या, साध्वी मंगलावती भारती जी ने प्रेरणादायक प्रवचनों व विचारोत्तेजक प्रस्तुतियों के माध्यम से श्रद्धालुओं में भक्ति व आध्यात्मिक शक्ति का संचार किया। दिव्य सुरों से ओतप्रोत प्रेरणात्मक भजनों ने उपस्थित भक्त हृदयों को माँ दुर्गा के भक्तिरस से सराबोर किया।
साध्वी जी ने समझाया की शक्ति अथवा माँ दुर्गा परमानंद व आत्मिक बल का प्रतीक हैं जिसे आत्म जाग्रति द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। मनुष्य का परम उद्देश्य ब्रह्माण्ड को संचालित करने वाली उस शक्ति से संपर्क स्थापित करना, उसे जानना, उसे अनुभव करना व उसमें विलीन हो जाना है। उन्होंने समझाया कि माँ दुर्गा के तत्व रूप की आराधना का अर्थ है ‘ब्रह्मज्ञान’ रूपी अविनाशी शस्त्र द्वारा अज्ञानता, सामाजिक कुरीतियों व अवगुणों रूपी राक्षसों से युद्ध करना। माता की चौकी में प्रज्ज्वलित ‘अखण्ड ज्योत’ प्रतीक है-आंतरिक ज्योत को प्रकाशित कर अंतःकरण में नित्य चलने वाले महिषासुर संग्राम में विजय प्राप्त करने की।
डीजेजेएस प्रतिनिधि ने समझाया कि शांति व आत्म-जाग्रति के आध्यात्मिक पथ पर सतगुरु ही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। एक पूर्ण सतगुरु अपने भक्तों को परम रहस्य (ब्रह्मज्ञान) से दीक्षित करते हैं जिससे वे भक्त अपने जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति कर पाते हैं। सतगुरु श्री आशुतोष महाराज जी एक युगदृष्टा हैं जिन्होंने अपने असंख्य भक्तों के जीवन में आत्म-साक्षात्कार के शाश्वत विज्ञान से क्रांति का आगाज किया और पीड़ित मानवता को शांतिपूर्ण वैश्विक परिवार में परिवर्तित करने की भी महत्वपूर्ण भूमिका वे निभा रहे हैं।
साध्वी जी ने सारांशित करते हुए कहा की नियमित ध्यान, सुमिरन व समर्पण का अनवरत प्रयास एक भक्त को संसार की उलझनों से उभारकर आध्यात्मिक ज्ञान व ईश्वर के आनंदपूर्ण मार्ग पर अग्रसर करता है। वास्तव में आत्म-साक्षात्कार ही शाश्वत आनंद व शांति प्राप्त करने का एकमात्र निश्चित मार्ग है जो हमें धार्मिकता व सकारात्मक गुणों को आत्मसात करने का मार्गदर्शन प्रदान करता है।
माता की चौकी के भक्तिपूर्ण वातावरण ने श्रोताओं को असीम संतोष व शांति को अनुभव करने हेतु प्रेरित किया। डीजेजेएस के आत्म-जाग्रति से विश्व शांति के तत्वविचार ने उपस्थित श्रोताओं को उच्च प्रेरणा प्रदान की और उन्होंने इस संदर्भ में संस्थान के प्रयासों का अभिवादन किया।