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विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के अवसर पर प्लास्टिक प्रदुषण के रोकथाम व् प्रकृति अनुकूल चिरस्थाई जीवनशैली के सन्दर्भ में जन जन को जागरूक करने के उद्देश्य से दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान ने अपने पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प के तेहत हर वर्ष चलाई जाने वाली री- बिल्ड मुहीम के अंतर्गत कार्यशालाएं, नुक्कड़ नाटक, जागरूकता कैंप व् पदयात्राओं आदि का आयोजन किया।

Environment Day 2018| Sanrakshan Rebuild Campaign sensitized men, women and children to “BEAT PLASTIC POLLUTION”

विश्व पर्यावरण दिवस 2018 पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रसारित प्लास्टिक सुत्रावली के अनुसार हर वर्ष 13 मिलियन टन प्लास्टिक को सागर में बहा दिया जाता है जिसके चलते 100,000 समुद्री जीव हर वर्ष मारे जाते हैं। परन्तु इतनी हानि के बावजूद भी विश्व भर में हर वर्ष 500 बिलियन प्लास्टिक की थैलियाँ खरीदी जाती है यही नहीं हर एक मिनट में 1 मिलियन  प्लास्टिक की बोतलें खरीदी जाती है। यह तथ्य स्पष्ट रखते हैं की आज का मानव प्रकृति पर होने वाले प्लास्टिक प्रदुषण के प्रभावों से कितना अनभिग्य है।

संरक्षण के विशेषज्ञों ने जब इस बढ़ती प्लास्टिक प्रदुषण की समस्या का मूल कारण जानने के लिए शोध किये तो पाया की मानव की प्रकृति से बढती दूरी जिसके कारण आज का उपभोगता प्रकृति के दिए अनुदानों के प्रति अनभिज्ञय होगया है।

Environment Day 2018| Sanrakshan Rebuild Campaign sensitized men, women and children to “BEAT PLASTIC POLLUTION”

इस्सी को ध्यान में रखते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का  पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प- संरक्षण  पृथ्वी पर बढ़ते पर्यावरण संकट की रोकथाम हेतु सामान्य जन जन जीवन को अपनी जीवनशैली का निरिक्षण कर पुनःविचार करने, संसाधनों के दुरूपयोग व् प्रकृति को हानी पहुँचाने वाले संसाधनों के उपयोग को बंद करने, न्यूनतम अपव्यय, पुनरुपयोग व् पुनर्चक्रण के पञ्च सूत्रों को जीवन में अपना चिरस्थाई जीवनशैली की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित व् प्रशिक्षित करता है।  

चिरस्थाई जीवनशैली जिसे आज विश्व स्तर पर प्रसारित किया जारहा है, सुनने मे भले ही जटिल सी कोई विदेशी प्रणाली प्रतीत हो परन्तु वास्तव में इसके मूल मन्त्र सदैव से ही भारतीय संस्कृति व् उस पर आधारित भारतीय जीवनशैली के अभिन्न अंग रहे हैं। इसी तथ्य को रेखांकित कर संरक्षण के प्रतिनिधियों ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर लोगों को एक बार पुनः भारतीय जीवन शैली की ओर मुड़ने के लिए प्रेरित किया।

संस्थान का पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प- संरक्षण- पिछले एक दशक से देशभर में विभिन्न अवसरों पर समाज की न्यूनतम इकाई तक अपने सन्देश के साथ पहुंचा है और उन्हें चिरस्थाई जीवनशैली के पथ पर अग्रसर किया है। तीन साल पूर्व विश्व पर्यावरण दिवस 2015 के अवसर पर संरक्षण के अंतर्गत “री- बिल्ड मुहीम” का प्रारंभ किया गया। पदयात्राओं, कार्यशालाओ, जागरूकता कैम्प आदि के माध्यम से इस मुहीम के तेहत देश भर में सैंकड़ों महिलाओं, पुरुषों और विशेषकर बच्चों को प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक व् संरक्षण गतिविधियों में संलग्न किया गया।

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