दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सामाजिक प्रकल्प मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र के 19वें केंद्र का औपचारिक उद्घाटन समारोह, DAV Police Auditorium, Ambala, Haryana में 30 जून 2019 को आयोजित किया गया।
मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा पूरे देश में 18 केन्द्र कार्यरत है, जिसके अंतर्गत 2000 से अधिक अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान की जाती है। इन केंद्रों में बच्चों के शैक्षणिक विकास के साथ साथ शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास किया जाता है। हरियाणा के मनमोहन नगर, अंबाला में नन्हें बच्चों के सपनों को साकार करने हेतु मंथन द्वारा 30 जून को एक नवीन केंद्र खोला गया|
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन और प्रार्थना के साथ हुआ जिसके बाद दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक शिष्य स्वामी गुरुज्ञाननंद जी, साध्वी गोपिका भारती जी, साध्वी दीपा भारती जी , ने मुख्य अतिथियों Mr Assem Goyal ji, MLA Ambala, Haryana, Mrs Neeta khera, HPSC Member, Mr Anubhav Aggarwal, District Youth President of BJP, Ravinder Singh Choudhary , DEEO Ambala, Dr Pratibha Singh, Member of Haryana बाल अधिकार संरक्षण आयोग, Namrata Gaur, Member of Haryana state commission for women, Bhupender Singh, DSP central Jail Ambala, Tilak Raj Taneja, Director Taneja public school, Mrs Veena Dhal, President Social Welfare Association, Ambala, Mr. Surinder Singh , ex. SP Jail Ambala का विधिवत स्वागत किया । इसके बाद मंथन के बच्चों ने ”गुरु अष्टकम” प्रार्थना का सामूहिक गायन कर और “गूँज दिव्य ज्योति की” गाने पर नृत्य कर सभी का मन मोह लिया । साध्वी दीपा भारती जी ने प्रेरणादायक विचारों के माध्यम से वहां उपस्थित सभी लोगों को मंथन प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार मंथन, अभावग्रस्त बच्चों के जीवन में दीपक बन कर उभरा है। मंथन बच्चों को न केवल शैक्षणिक व सामाजिक रूप से सशक्त कर रहा है अपितु उन्हें अध्यात्म से जोड़ कर आंतरिक स्थिरता प्राप्त करने में भी प्रयासरत है । इसके बाद संस्थान के युवा स्वयंसेवकों ने एक नाटक प्रस्तुत किया जिसका शीर्षक था “भारत से इंडिया तक“ जिसके माध्यम से उन्होंने समाज को स्वयं से एक प्रश्न पूछने के लिए बाध्य कर दिया कि वाकई में ऐसा क्या था, जिसने भारत को एवं प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली को इतनी श्रेष्ठ उपमा से अलंकृत किया कि श्रेष्ठपुरुषों ने भारत को विश्वगुरु की उपाधि तक से संबोधित कर दिया । मुख्य अतिथि श्री असीम गोयल जी ने मंथन के प्रयासों की सराहना करते हुए लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हुए समझाया कि किस प्रकार शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व का विकास कर उसे समाज का एक ज़िम्मेदार सदस्य व नागरिक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल उपलब्ध कराती है । इसके साथ ही अतिथियों ने मंथन के बच्चों को बैग भी वितरित किये । सभी आगंतुकों ने मंथन प्रकल्प के निस्वार्थ प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम मे सभी स्पोंसोर्स को उन बच्चों से मिलने का अवसर भी मिला जिनको उन्होने शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान किया है| बचोन ने उन्हे Thank You कार्ड्स दिये और स्पोंसोर्स ने बच्चों को मंथन बैग भेंट किए| इन भावपूर्ण पलों को सभी ने हृदय से सराहा| अंत मे संस्थान के अंबाला राज्य के प्रमुख स्वामी गुरुज्ञाननंद जी ने अंतिम संदेश मे सभी अतिथियों, कार्यकर्ताओं व सहयोगियों का हृदय से धन्यवाद देकर कार्यक्रम को विधिवत अंतिम क्षणो तक पहुंचाया| सभी ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की और अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षा मे सहयोग करने की शपथ भी ली|